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'तिवारी से जबरन लिया जाए रक्त का नमूना'

दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने रजिस्ट्रार को आदेश दिया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण दत्त तिवारी के खून के नमूने लेने के लिए पुलिस का सहयोग लिया जाए. उनके जैविक पुत्र होने का दावा करने वाले व्यक्ति के पितृत्व मामले पर निर्णय के लिए उनके खून का नमूना लिया जाना है.

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने रजिस्ट्रार को आदेश दिया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण दत्त तिवारी के खून के नमूने लेने के लिए पुलिस का सहयोग लिया जाए. उनके जैविक पुत्र होने का दावा करने वाले व्यक्ति के पितृत्व मामले पर निर्णय के लिए उनके खून का नमूना लिया जाना है.

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न्यायमूर्ति रेवा खेत्रपाल ने कहा, ‘प्रतिवादी नंबर एक (तिवारी) अगर इस अदालत के न्याय क्षेत्र में उपलब्ध नहीं हैं, तो संयुक्त रजिस्ट्रार (जेआर) मामले में पुलिस का सहयोग लेंगे. डीएनए जांच के लिए खून का नमूना लेने की खातिर इस अदालत में उन्हें लाने को जेआर पुलिस की सहायता ली जाएगी.’

अदालत ने देहरादून के 86 वर्षीय कांग्रेस नेता का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील की खिंचाई की. वकील ने इस आधार पर सुनवाई स्थगित करने की मांग की थी कि इसी मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की गई है.

मामले में एकल पीठ, उच्च न्यायालय की खंडपीठ एवं उच्चतम न्यायालय के विभिन्न फैसलों का जिक्र करते हुए न्यायमूर्ति खेत्रपाल ने कहा, ‘यह स्पष्ट किया जा चुका है कि उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका मामले की सुनवाई के आड़े नहीं आएगी.’ अदालत ने मामले की अगली सुनवाई संयुक्त रजिस्ट्रार के समक्ष 21 मई तय की है जो तिवारी से खून के नमूने लेने की तिथि तय करेंगे.

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अदालत ने स्पष्ट किया कि संयुक्त रजिस्ट्रार को हैदराबाद स्थित डीएनए फिंगरप्रिंट एवं डायग्नोस्टिक (सीडीएफडी) से डीएनए नमूना किट मिलने के एक हफ्ते के अंदर रक्त के नमूने लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.

अदालत ने कहा कि तिवारी की उम्र पर निर्णय करते हुए रक्त का नमूना ‘यथाशीघ्र लिया जाए अन्यथा वादी को अपूरणीय क्षति होगी.’ अदालत का निर्देश 32 वर्षीय रोहित शेखर की याचिका पर आया है, जिसने तिवारी को डीएनए परीक्षण के लिए खून का नमूना देने के लिए कहा है.

उसने अदालत से फैसला देने को कहा है कि तिवारी को उनका जैविका पिता घोषित किया जाए.’ उच्च न्यायालय ने 14 मई को तिवारी से कहा था कि वह दो दिनों के अंदर बताएं कि क्या वह डीएनए जांच के लिए स्वेच्छा से रक्त के नमूने देना चाहते हैं या इसे प्राप्त करने के लिए पुलिस बल का उपयोग चाहते हैं.

न्यायमूर्ति खेत्रपाल ने तिवारी के वकील को यह भी कहा था कि दिल्ली उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के आदेशों के आलोक में जब तक तिवारी डीएनए जांच के लिए रक्त के नमूने नहीं देते तब तक वह भारत नहीं छोड़ें.

 

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