सरकार और सेना के बीच खराब हुए रिश्ते के बीच सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने शनिवार को राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मुलाकात की.
समाचार पत्र 'डान न्यूज' के मुताबिक सेना प्रमुख के अनुरोध पर यह बैठक हुई. सेना प्रमुख ने राष्ट्रपति जरदारी के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों और 'गोपनीय संदेश' के बारे में चर्चा की.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार राष्ट्रपति कार्यालय से जारी एक संक्षिप्त बयान में कहा गया, 'बैठक के दौरान मौजूदा सुरक्षा स्थिति के बारे में चर्चा की गई.'
समाचार एजेंसी 'ऑनलाइन' के मुताबिक जरदारी और कयानी के बीच एक घंटे से अधिक समय तक चली बैठक प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी की अध्यक्षता में होने वाली रक्षा समिति की बैठक से पहले हुई. रक्षा समिति की बैठक में सेना के तीनों प्रमुख हिस्सा लेने वाले हैं.
कयानी ने कथित रूप से राष्ट्रपति से कहा कि उन्हें गिलानी द्वारा चीनी समाचार पत्र को दिए गए बयानों पर आपत्ति है.
सेना प्रमुख ने कथित रूप से राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि वह प्रधानमंत्री को अपना बयान वापस लेने के लिए कहें जो उन्होंने समाचार पत्र को दिया था.
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री गिलानी ने पिछले दिनों एक चीनी समाचार-पत्र को दिए साक्षात्कार में कयानी और देश की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शुजा पाशा पर कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया था.
गिलानी ने कहा कि अमेरिका को भेजे गए 'गोपनीय संदेश' मामले की जांच कर रहे सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष कयानी और पाशा ने सरकार की मंजूरी के बगैर अपना पक्ष रखा.
गिलानी द्वारा आलोचना किए जाने पर सेना ने सरकार को 'गम्भीर परिणाम' की चेतावनी दी. इसके बाद सरकार और सेना के बीच टकराव बढ़ गया और देश में सैन्य तख्ता पटल की अटकलें तेज हो गईं.