पेट्रोल की कीमत में बेतहाशा बढ़ोतरी से बेहाल आम जनता पर अब डीजल और एलपीजी की तरफ से भी मार पड़ने वाली है.
केंद्रीय वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह की बैठक में इस बारे में निर्णय होने वाला है. यह बैठक पहले शुक्रवार को होनी थी, पर अब अगले सोमवार को होगी.
तेल कंपनियों का कहना है कि डीजल, मिट्टी के तेल और रसोई गैस की बिक्री से उन्हें हर रोज करीब 500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है.
गौरतलब है कि सरकार मिट्टी के तेल पर 31 रुपये प्रति लीटर, डीजल पर 13.64 रुपये प्रति लीटर और रसोई गैस के प्रत्येक सिलेंडर पर 479 रुपये की सब्सिडी देती है.
बहरहाल, देश की आम जनता महंगाई से राहत पाने के लिए सड़कों पर उतर रही है. आंदोलन में सियासी पार्टियां भी अपनी भूमिका तलाश रही हैं.