सोने की कीमत शनिवार को 1,095 रुपये तक बढ़कर 30,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गई, जो इसका रिकार्ड स्तर है.
वैश्विक स्तर पर कीमत में बढ़ोतरी और रुपये में कमजोरी के कारण सोने की कीमत बढ़ी. सोने में सबसे अधिक बढ़ोतरी चेन्नई में दिखी जहां यह 1,095 रुपये चढ़कर 30,380 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, जिसके बाद दिल्ली का स्थान रहा जहां कीमत 960 रुपये चढ़कर 30,300 रुपए हो गई.
मुंबई और कोलकाता में भी सोने की कीमत क्रमश: 895 और 785 रुपये बढ़ी. सोने की कीमत मुंबई में 30,030 रुपये प्रति 10 ग्राम और कोलकाता में 30,245 रुपये प्रति 10 ग्राम रही. दिल्ली में इससे पहले का उच्चतम स्तर 29,750 रुपये था जो चार मई को दर्ज हुआ था.
न्यूयार्क में सोने की कीमत 66 डालर बढ़कर 1,626 डालर प्रति औंस होने के कारण घरेलू बाजार में कीमत बढ़ी. न्यूयार्क में सोने की कीमत का आमतौर से भारत पर असर होता है. जिंस ब्रोकरेज कंपनी जेआरजी वेल्थ मैनेजमेंट के अनुसंधान प्रमुख हरीश गैलीपेल्ली ने कहा, ‘अमेरिका द्वारा रोजगार की संभावनाओं में कमी की घोषणा के बाद मुद्रास्फीति से सुरक्षा के लिए सोने की मांग बढ़ी और वैश्विक बाजार में सोने में ताजा निवेश आकषिर्त हुआ.’ उन्होंने कहा कि कमजोर रुपये का असर कीमत पर भी पड़ा. आम बजट के बाद रुपये की कीमत में भारी गिरावट आई और डालर के मुकाबले यह 55.54 पर था. रुपये ने 31 मई को डालर के मुकाबले 56.52 का निम्नतम स्तर छुआ था.
इसी तरह का विचार व्यक्त करते हुए बांबे बुलियन एसोसिएशन के अध्यक्ष पृथ्वीराज कोठारी ने कहा, ‘वैश्वक व घरेलू इक्विटी और विदेशी मुद्रा बाजार में बिकवाली के रुझान के कारण भारत और इससे बाहर सोने की खरीदारी बढ़ी.’ शेयर जैसी अन्य परिसंपत्तियों का प्रदर्शन अच्छा न होने की स्थिति में सोने को सुरक्षित निवेश माना जा रहा है. उन्होंने कहा कि रुपये में गिरावट और उच्च वैश्विक कीमत के कारण सोने की घरेलू दर पर असर हुआ. इसके अलावा आयात शुल्क में चार फीसदी तक की बढ़ोतरी से कीमत बढ़ने में मदद मिली.
कोठारी ने आगाह किया कि यदि वैश्विक कीमत बढ़ती रहती है और रुपया डॉलर के मुकाबले 57-58 के स्तर पर पहुंचता है तो स्थानीय बाजार में सोने की कीमत 32,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच जाएगी. भारत सोने के मामले में विश्व का सबसे बड़ा उपभोक्ता है और पिछले वित्त वर्ष के लिए दौरान यहां 969 टन सोने का आयात हुआ था.