केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने बुधवार को कहा कि एयर इंडिया के बर्खास्त पायलटों को मामला-दर-मामला आधार पर बहाल किया जाएगा.
सिंह ने कहा, 'बर्खास्त पायलटों को वापस लिए जाने से पहले सभी जरूरी प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा. हमने बर्खास्त एक पायलट को वापस काम पर लिया है, लेकिन सभी बर्खास्त पायलटों पर फैसला मामला-दर-मामला के आधार पर किया जाएगा.'
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'हम पायलटों के मुद्दों को समझ रहे हैं और हम सभी से बातचीत करना चाहते हैं. उन्हें काम पर वापस लौटने और अवैध हड़ताल को खत्म करने की जरूरत है. उन्हें अपने मसलों को लेकर हमसे बातचीत करने की आवश्यकता है.'
गौरतलब है कि सिंह का यह बयान उस घटनाक्रम के बाद आया है, जिसमें हड़ताली पायलटों ने कहा कि सरकार यदि बर्खास्त पायलटों को वापस ले लेती है और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर प्रबंधन बातचीत करना शुरू कर देता है तो वे 16 दिन से जारी अपनी हड़ताल समाप्त कर देंगे.
इंडियन पायलट गिल्ड (आईपीजी) की समिति के सदस्य रोहित कपाही ने कहा, 'हमारे बर्खास्त पायलटों को यदि वापस ले लिया जाता है और हमारे द्वारा उठाए गए मुद्दों पर बातचीत शुरू हो जाती है तो हड़ताल खत्म करने में कोई वक्त नहीं लगेगा.'
उन्होंने कहा, 'हमने प्रबंधन, मंत्रालय और सम्बंधित सभी लोगों से कहा है कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन बिना इस शर्त के कि पहले हम काम पर लौटे और फिर बातचीत शुरू होगी.'
रोहित ने कहा कि बर्खास्त पायलटों को काम पर वापस आने के बाद उन्हें प्रताड़ित नहीं किया जाएगा. इस वादे पर आईपीजी को ज्यादा भरोसा नहीं है, क्योंकि सरकार ने यूनियन के 444 पायलटों में से 101 को बर्खास्त कर दिया है.
बर्खास्त पायलटों में आईपीजी के प्रमुख पदाधिकारी शामिल हैं. आईपीजी के करीब सभी पदाधिकारियों के लाइसेंस निरस्त होने के कतार में हैं. आईपीजी ने कम्पनी के संसाधनों के इस्तेमाल में अनियमितताएं के लिए प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है.
आईपीजी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए सिंह ने कहा, 'जो आरोप लगाए गए हैं, उन्हें मेरे समक्ष आने दीजिए, हम प्रत्येक चीज की जांच करेंगे.'
उन्होंने कहा, 'हम केवल यूनियन द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच नहीं करेंगे. किसी भी नागरिक की शिकायत अथवा आरोपों की जांच की जाएगी.' गौरतलब है कि पायलटों के हड़ताल पर जाने के बाद सरकारी विमानन कम्पनी को अबतक 260 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.
पायलटों ने चार मांगें की हैं- बोइंग 787 का विशेष उड़ान अधिकार, वर्ष 2007 से बकाए का भुगतान, प्रथम श्रेणी में यात्रा और छह वर्षो में कमांडर पद पर प्रोन्नत का अधिकार.