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सरकार कठोर कदम उठाने को प्रतिबद्ध: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार सब्सिडी, राजकोषीय घाटे पर लगाम लगाने समेत ‘कठोर’ निर्णय लेने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने फिर से सालाना आठ से नौ प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने की भी उम्मीद जतायी.

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मनमोहन सिंह
मनमोहन सिंह

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार सब्सिडी, राजकोषीय घाटे पर लगाम लगाने समेत ‘कठोर’ निर्णय लेने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने फिर से सालाना आठ से नौ प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने की भी उम्मीद जतायी.

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देश की आर्थिक वृद्धि में आ रही गिरावट पर चिंता जताते हुए सिंह ने कहा कि जनता उच्च वृद्धि दर की वापसी और रोजगार संबंधी अवसरों में तीव्र विस्तार के लिए ‘अधीर’ हो रही है. उन्होंने कहा कि निवेशकों का विश्वास बहाल करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.

विकसित और विकासशील देशों के संगठन समूह जी-20 के सातवें शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत की आर्थिक नरमी से भी जुड़े कुछ मुद्दों का उल्लेख किया.

विश्व के शीर्ष नेताओं को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, ‘दूसरे देशों की तरह हम लोगों ने भी 2008 के बाद प्रोत्साहन के लिए राजकोषीय घाटे को बढ़ने दिया. अब हमलोग इसके विस्तार को उल्टी दिशा में मोड़ने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. इसके लिए सब्सिडी पर लगाम लगाने समेत कठोर निर्णय करने होंगे और हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं.’

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चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है. लेकिन बढ़ते सब्सिडी बिल और कम कर संग्रह से 2011-12 में यह अनुमान से आगे निकल गया. 2011-12 के दौरान शुरू में 5.8 प्रतिशत राजकोषीय घाटा रहने की उम्मीद जतायी गयी थी, लेकिन यह बढ़कर 5.8 प्रतिशत हो गया. वित्त वर्ष 2011-12 की चौथी तिमाही में में देश की आर्थिक वृद्धि दर नौ साल के न्यूनतम स्तर 5.3 प्रतिशत रह गयी.

दूसरे उभरते देशों की तरह भारत में आयी आर्थिक सुस्ती की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने माना कि आंतरिक बाधाओं से भी प्रदर्शन प्रभावित हुआ है. उन्होंने कहा कि सरकार इन्हें दूर करने के लिए काम कर रही है.

उन्होंने कहा, ‘वैश्विक नरमी और विशेषकर पूंजीगत प्रवाह ने प्रभावित किया है. आंतरिक बाधाओं से भी प्रदर्शन प्रभावित हुआ है. सरकार इन्हें सुधारने के लिए काम कर रही है.’ सिंह ने कहा, ‘हमारी आर्थिक वृद्धि दर 2011-12 में गिरकर 6.9 प्रतिशत रह गयी जो कि इससे पहले 8.4 प्रतिशत थी. इसके कुछ उचित कारण हैं, शेष विश्व में भी इसी तरह की आर्थिक वृद्धि देखी जा रही है, लेकिन देश की जनता उच्च वृद्धि दर पर वापस लौटने और रोजगार अवसरों में तीव्र वृद्धि के लिए अधीर हो रही है.’

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उन्होंने कहा, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत हैं और हमें उम्मीद है कि फिर से सालाना आठ से नौ प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हम हासिल कर लेंगे.’ प्रधानमंत्री ने नकारात्मक वैश्विक माहौल से भारत में प्रभावित हो रहे निवेश के बारे में भी चर्चा की.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम निवेशकों के विश्वास की बहाली के लिए कदम उठा रहे हैं. हम ऐसा माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़े तथा उद्यम और सृजन को प्रोत्साहन मिले.’ इस संबंध में सिंह ने कहा कि नीतियां पारदर्शी, स्थिर और घरेलू होंगी तथा विदेशी निवेशक सबको समान अवसर उपलब्ध कराने वाले होंगे.

सिंह ने विश्व के नेताओं से कहा कि भारत बुनियादी ढांचे में निवेश को बढ़ावा दे रहा है और इसे पटरी पर रखने के लिए महत्वकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके अलावा क्रियान्वयन में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए प्रणाली विकसित की गई है.

सब्सिडी पर रोक के संबंध में सिंह ने कहा कि निवासियों को बायोमेट्रिक आंकड़ों वाली विशिष्ट पहचान संख्या देने का काम भारत में जारी है. उन्होंने कहा कि एक अरब से अधिक लोगों को शामिल करने वाले इस विशाल आंकड़े से लक्षित लोगों को सभी तरह की वित्तीय और दूसरी सेवाएं प्रभावी तथा सब्सिडी लिंकेज में कमी के साथ उपलब्ध कराई जा सकेगी.

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