कैग ने अब तक के सबसे बड़े घोटाले का खुलासा किया है. कैग कि रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि सरकार ने कोयले की खदान के आवंटन में नियमों को ताक पर रख कर काम किया है.
कैग की रिपोर्ट के मुताबिक इससे सरकार को करीब साढ़े दस लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि यह अब तक सबसे बड़ा घोटाला है, जो टूजी मामले से करीब छह गुना ज्यादा बड़ा है.
कैग की रिपोर्ट के मुताबिक करीब 155 कंपनियों को कोयला खदानों का आवंटन किया गया था जिसके लिए कोई निलामी नहीं लगाई गई. कैग के मुताबिक कोयला खदानों के आवंटन के लिए सभी नियमों को ताक पर रखा गया जिससे यह घाटा हुआ है. यह आवंटन 2004-09 के बीच में किए गए.
बजट सत्र के दौरान होने वाले इस खुलासे में विपक्ष को एक और मुद्दा दे दिया है तो सरकार के लिए एक और परेशानी खड़ी कर दी है.
लाभ पाने वाली कंपनियों में टाटा ग्रुप की कंपनियां, जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड, इलेक्ट्रो स्टील केस्टिंग्स लिमिटेड, द अनिल अग्रवाल ग्रुप फर्म्स, दिल्ली की भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड, जायसवाल नेको, नागपुर की अभिजीत ग्रुप और आदित्य बिरला ग्रुप की कंपनियां शामिल हैं.
इस लिस्ट में एस्सार ग्रुप की पावर कंपनियां, अदानी ग्रुप, आर्सेलर मित्तल इंडिया, लेंको ग्रुप और कुछ अन्य छोटी-बड़ी कंपनियां शामिल हैँ. कैग की इस रिपोर्ट पर टाटा, अदानी, बिरला ग्रुप और एस्सार ने कोई टिप्पणी करने से इनकार किया है.