वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि प्याज की आपूर्ति को बढ़ाने सरकार के उपायों से इसकी कीमतें 10-15 रूपये प्रति किलो गिरी हैं. पिछले महीने प्याज के भाव 80 रूपये किलो तक चले गये थे.
मुखर्जी ने संवाददाताओं से कहा, कीमतें कम हुई हैं, हालांकि यह कमी 10-15 रूपये प्रति किलो की ही है. मांग और आपूर्ति के बीच अंतर है. मैंने मुख्यमंत्रियों से अनुरोध किया है कि वे कीमतों पर अंकुश लगायें. बेमौसम बरसात के कारण महाराष्ट्र में फसल के क्षतिग्रस्त होने की वजह से सुस्त आपूर्ति के कारण प्याज का खुदरा मूल्य 22 दिसंबर 2010 को 70.85 रूपये किलोग्राम के उच्च स्तर को छू गया था.
लेकिन सरकार द्वारा कीमतों को अंकुश में रखने के लिए प्याज पर से आयात शुल्क हटाने, इसके आयात को बढ़ाने के संबंध में किये गये उपायों और व्यापारियों के यहां आयकर के छापे डलवाने के बाद इसकी कीमतों में गिरावट आई. लेकिन पाकिस्तान के द्वारा अट्टारी वाघा सीमा से भूमि मार्ग के जरिये प्याज के आयात को पाकिस्तान के द्वारा प्रतिबंधित किये जाने के बाद इन प्रयासों को झटका लगा है.
मुखर्जी ने कहा कि प्याज के खुदरा और थोकमूल्य में काफी का अंतर है. उन्होंने कहा कि विभिन्न व्यापारियों के परिसरों में आयकर के छापे के कारण कीमतों में कमी लाने में मदद मिली है. कल वित्तमंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा था और उनसे कहा था कि वे जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करें तथा आपूर्ति में आने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए कदम उठायें.