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अश्रुपूरित आंखों ने दी भूपेन दा को अंतिम विदाई

महान गायक और सांस्कृतिक स्तंभ भूपेन हजारिका को उनके बेटे तेज भूपेन ने मुखाअग्नि देकर उनका अंतिम संस्कार किया. गुवाहाटी विश्वविद्यालय परिसर में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

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महान गायक और सांस्कृतिक स्तंभ भूपेन हजारिका को उनके बेटे तेज भूपेन ने मुखाअग्नि देकर उनका अंतिम संस्कार किया. गुवाहाटी विश्वविद्यालय परिसर में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

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तेज ने अंतिम संस्कार संबंधी सभी क्रियाएं संपन्न करने के बाद सुबह 10.20 बजे हजारिका को मुखाअग्नि दी. इस दौरान पिछले 40 साल से हजारिका की संगिनी रहीं कल्पना लाजमी ने अश्रुपूरित नेत्रों से उनके लिए प्रार्थना की. पार्थिव शरीर को चिता पर रखे जाने से पहले इस महान गायक को 21 तोपों की सलामी दी गई.

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच इस सुर साधक की अंतिम यात्रा ऐतिहासिक जजेज फील्ड से तकरीबन 10 बजे शुरू हुई और इसके लिए उनके हजारों प्रशंसक अपनी अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए कतारबद्ध होकर खड़े थे. जजेज फील्ड में उनके पार्थिव शरीर को शीशे के एक बॉक्स में पारंपरिक असमी ‘गमोसा’ में लपेट कर रखा गया था.

असम के राज्यपाल जे बी पटनायक और मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने भी उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी. पूर्वोत्तर क्षेत्र केंद्रीय विकास (डीओएनईआर) मंत्री पवन सिंह घटोवार ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से और कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से हजारिका को पुष्पचक्र अर्पित किए. पुष्पचक्र अर्पित करने वालों में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज भी शामिल थीं.

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अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित किए जाने के बाद हजारिका के पार्थिव शरीर को चंदन की चिता पर रखा गया. बेटे और अन्य रिश्तेदारों की मौजूदगी में उनके अंतिम संस्कार की क्रियाएं संपन्न हुईं. मुखाग्नि देने के बाद तेज हजारिका ने घुटनों के बल बैठकर प्रणाम करते हुए अपने पिता को प्यार और सम्मान देने वाले लोगों के प्रति आभार प्रकट किया. गोगोई ने भी चिता पर चंदन की एक लकड़ी रखी.

उनके सम्मान में असम सरकार ने एक दिन के राजकीय अवकाश की घोषणा की है. हजारिका का अंतिम संस्कार मंगलवार को ही होना था लेकिन पूरे राज्य और पूर्वोत्तर राज्यों से उनके प्रशंसकों का तांता लगा रहने के कारण राज्य सरकार ने इसे एक दिन टालने का फैसला किया ताकि लोग उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर सकें.

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