पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की एक दिवसीय भारत यात्रा के दौरान अनुपस्थित रहीं पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार को हटाया जा सकता है. यह आशंका मंगलवार को एक मीडिया रपट में जाहिर की गई है. न्यूज इंटरनेशनल अखबार में जारी रिपोर्ट के अनुसार, विदेश विभाग में इस तरह की कयासबाजी जारी है कि खार को आगामी मंत्रिमंडलीय फेरबदल में कोई नया विभाग दिया जा सकता है और नई दिल्ली के साथ बातचीत का नेतृत्व कोई नया विदेश मंत्री करेगा.
खार ने जिस समय विदेश मंत्री का पद संभाला था, उस समय वह मात्र 34 वर्ष की थीं. वह जरदारी की एक दिवसीय भारत यात्रा के दौरान उनके साथ रविवार को आए प्रतिनिधिमंडल में शामिल नहीं थीं. पिछले वर्ष जुलाई में खार ने भारत का दौरा किया था और उन्होंने विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा के साथ बातचीत की थी.
अखबार ने लिखा है कि विदेश मंत्रालय उस समय भौंचक रह गया था, जब प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने लाहौर में रविवार को कहा था कि लंबित मुद्दों के समाधान के लिए द्विपक्षीय बातचीत को एक नई टीम आगे बढ़ाएगी.
अखबार ने कहा है कि प्रधानमंत्री ने यद्यपि यह स्पष्ट नहीं किया कि नई टीम से उनका क्या तात्पर्य है, लेकिन इस बयान ने यह सवाल तो खड़ा कर ही दिया है कि सम्भवत: खार का विभाग बदला जा सकता है. खार ने शाह महमूद कुरैशी से विदेश विभाग की जिम्मेदारी ली थी. वह पंजाब प्रांत के मुजफ्फरगढ़ जिले से हैं.
खार के करीबी सूत्रों का कहना है कि विभाग बदले जाने संबंधी इन अफवाहों में कोई सच्चाई नहीं है. लेकिन विदेश विभाग के सूत्र यह स्पष्ट नहीं कर पाए हैं कि गिलानी ने आखिर 'नई टीम' जैसे शब्द का इस्तेमाल क्यों किया और खार को जरदारी के प्रतिनिधिमंडल में शामिल क्यों नहीं किया गया. अखबार ने अनुमान व्यक्त किया है कि जरदारी खार को एक हल्का नेता मानते हैं.