हिन्दी फिल्मों में गालियों का चलन कोई नई बात नहीं है और साल 2011 में भी बोल्ड विषयों और भाषा का जमकर प्रयोग किया गया. सेंसर बोर्ड ने गालियों से भरी ‘नो वन किल्ड जेसिका’ और ‘देल्ही बेली’ जैसी फिल्मों को पास कर दिया और दर्शकों को भी ये फिल्में काफी पसंद आयीं.
फिल्मकारों ने बोल्ड विषयों वाली वास्तविक जीवन कथाओं पर फिल्में बनाकर नए प्रयोग किए. ‘डर्टी पिक्चर’ जैसी फिल्म में किरदारों और फिल्मी जीवन को वास्तविक रूप देने के नाम पर मुखर संवाद और गालियों का प्रयोग किया गया.
साल 2011 के टॉप एक्टर और एक्ट्रेसफिल्मों में इस नये चलन का प्रयोग साल की शुरूआत में आयी फिल्म ‘नो वन किल्ड जेसिका’ से अभिनेत्री रानी मुखर्जी ने शुरू किया. इस फिल्म में रानी एक तेज तर्रार टीवी पत्रकार की भूमिका में थी जो जमकर सिगरेट पीती है और धड़ल्ले से गालियां देती है. इस फिल्म के साथ रानी ने अपनी मासूम सी छवि के साथ प्रयोग करते हुए अपनी छवि बदली.
फिल्म में उनका सबसे प्रचलित संवाद था ‘आई एम ए बिच’. फिल्म के निर्देशक राजकुमार गुप्ता ने इस तरह की भाषा और बोल्डनेस को फिल्म की कहानी और किरदारों को वास्तिविक रूप देने के नाम पर जायज ठहराया. फिल्म ‘देल्ही बेली’ बोल्डनेस और गालियों के प्रयोग के मामले में एक कदम और आगे रही. इस फिल्म में जमकर गालियों का और द्विअर्थी गानों का प्रयोग किया गया.
फिल्म का गाना ‘भाग डीके बोस’ अपने बोलों की वजह से खासा लोकप्रिय हुआ. इस एडल्ट कॉमेडी फिल्म के निर्माता अभिनेता आमिर खान ने इसे मजेदार कॉमेडी फिल्म बताते हुए कहा कि इसमें अंगप्रदर्शन जैसी चीज नहीं है केवल अश्लील भाषा का प्रयोग किया गया है. आमिर ने कहा था कि यह फिल्म बोल्ड फिल्मों की परिभाषा बदल देगी और एक नये चलन की शुरूआत करेगी.
साल 2011 में जिन फिल्मों का नहीं चला जादू
साल के आखिर में आयी फिल्म ‘डर्टी पिक्चर’ अपने शीषर्क की तरह ही बोल्ड फिल्म थी. यह फिल्म अपने मुखर विषय और संवादों से खासी चर्चा में रही. दक्षिण की सेक्स सिंबल अभिनेत्री सिल्क स्मिता से प्रेरित इस फिल्म में विद्या बालन ने दमदार अभिनय और जमकर अंग प्रदर्शन किया जिसका फायदा फिल्म को मिला भी और फिल्म बॉक्स आफस पर सफल रही.
साल 2011 में जिन फिल्मों ने मचाया धमाल
इस साल फिल्मों में देसी अपशब्दों और संवादों का भी जमकर प्रयोग किया गया. इसे हास्यात्मक रूप में पेश किया गया. इस तरह की भाषा से सजी ‘रेडी’, ‘बॉडीगार्ड’ और ‘सिंहम’ जैसी फिल्में सुपरहिट रहीं. इसी तरह की बोल्ड भाषा और संवादों से सजी कई और फिल्में भी चर्चा में रहीं. कंगना राणावत ने फिल्म ‘तनु वेड्स मनु’ में, गुल पनाग ने ‘टर्निंग थर्टी’ में और सौरभ शुक्ला ने फिल्म ‘ये साली जिंदगी’ में दैनिक जीवन में दी जाने वाली गालियों और अपशब्दों का जमकर प्रयोग किया.
सिल्क स्मिता की अनदेखी तस्वीरें
निर्देशक लव रंजन ने भी अपनी एडल्ट कॉमेडी फिल्म ‘प्यार का पंचनामा’ में अपशब्दों से भरी भाषा का प्रयोग किया. इस तरह की भाषा और विषयों से फिल्म की सफलता सुनिश्चित भले ना होती हो लेकिन रिलीज से पहले दिखाए जाने वाली झलकियों की वजह से फिल्म से विवाद जुड़ जाते हैं और फिल्म को अपेक्षित चर्चा मिल जाती है.
तस्वीरों में देखें बॉलीवुड की बोल्ड हिरोइनों का जलवा
दिवाली के मौके पर रिलीज हुई फिल्म ‘रा-वन’ में अभिनेत्री करीना कपूर को अपने पति की भूमिका निभा रहे शाहरुख खान को अपशब्द कहते दिखाया गया है. इससे फिल्म को चर्चा जरूर मिली लेकिन फिल्म को खास फायदा नहीं हुआ. इससे पहले भी पिछले कई सालों में अपशब्दों और गाली गलौज से भरी भाषा का फिल्मों में प्रयोग होता रहा है लेकिन वो काफी हद तक कहानी की मांग थी.
तस्वीरों में देखें माही गिल का बोल्ड अवतार
फिल्म ‘ओंकारा’ में सैफ अली खान और अजय देवगन इसी तरह की भाषा में बात करते दिखे वहीं विद्या बालन और अरशद वारसी ने भी फिल्म ‘इश्किया’ में अपशब्दों से भरे संवाद कहे. इसी तरह की अशिष्ट भाषा का प्रयोग करीना ने फिल्म ‘जब वी मेट’ और ‘गोलमाल थ्री’ में किया, ये फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल भी रहीं.