scorecardresearch
 

पाकिस्तान में निशाने पर हैं हिंदू

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हुए एक बड़े हमले में तीन डॉक्टरों की गोली मारकर हत्या कर दी गई, घटना से समुदाय सहम गया.

Advertisement
X
पाकिस्‍तान में हिंदुओं का विरोध
पाकिस्‍तान में हिंदुओं का विरोध

Advertisement

बकरीद के दिन सिंध सूबे में पाकिस्तान के हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के तीन डॉक्टरों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. कराची के आगा खान हॉस्पिटल में एक फार्मासिस्ट, सतपाल मौत से जूझ रहा है. कराची से 400 किमी उत्तर में चक शहर में मोटर साइकिल पर सवार दो अनजान हमलावरों ने डॉक्टर अशोक कुमार, नरेश कुमार और अजीत कुमार के क्लिनिक पर गोलियां बरसाकर उनकी हत्या कर दी.
इंडिया टुडे की और खबरों को पढ़ने के लिए क्लिक करें 

इस घटना, जो पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर सबसे बदतरीन हमलों में से एक है, की वजह से पूरा हिंदू समुदाय दहल गया है. अभी तक इस मामले की औपचारिक जांच शुरू नहीं हो पाई है क्योंकि पीड़ितों के सहमे हुए परिजनों ने रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है.
इंडिया टुडे पत्रिका से जुड़ी तस्‍वीरों को देखने के लिए क्लिक करें 

Advertisement

पुलिस महकमे के एक सूत्र का कहना है कि डॉ. अशोक कुमार की हत्या इसलिए हुई क्योंकि उन्होंने प्रभावशाली भायो कबीले के एक नेता का इलाज करने के लिए फीस मांगी थी. सिंधु नदी के तट पर स्थित इस शहर की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था पर 10,000 आबादी वाले इसी मुस्लिम कबीले का कब्जा है. इस कबीले के  सरदारों की काफी डरावनी छवि है और माना जाता है कि उन्होंने यातना देने के लिए अपने-अपने कमरे बना रखे हैं.
स्‍टेट ऑफ स्‍टेट्स: और पुरस्‍कार मिलता है.... 

सूत्र का कहना है कि फीस के मुद्दे पर झ्गड़ा होने के बाद इस कबीले के बुजुर्ग इंतकाम लेने की फिराक में थे. उन्हें दीवाली के समय हुए धार्मिक झ्गड़े से यह मौका मिल गया. दीवाली से एक रात पहले तीन हिंदू युवकों को एक भायो नचनिया के साथ पकड़ लिया गया. कबीले के  लोगों ने कहा कि लड़की के साथ बलात्कार हुआ है, लिहाजा इसके बदले में एक हिंदू लड़की दी जाए जिसके साथ चार मुस्लिम बलात्कार करेंगे.

हिंदू समुदाय के प्रमुख सदस्य मनोहरलाल कहते हैं, ''यह बेतुकी मांग थी क्योंकि न तो उसके साथ बलात्कार किया गया था और न ही उसे नाचने के  लिए मजबूर किया गया था. वह पेशेवर मुजरेवाली थी और उसे नाचने के लिए मोटा पैसा दिया गया था.'' दो हफ्ते बाद तनाव कम होने के साथ ही 7 नवंबर को भायो के बुजुर्गों ने सुपारी हत्यारों को क्लिनिक पर हमला करने के लिए भेज दिया.

Advertisement

शिकारपुर जिले, जिसमें चक आता है, की 40,000 आबादी में 5,000 से 7,000 हिंदू हैं. समुदाय के ज्‍यादातर लोग थोक व्यापार करते हैं और भायो कबीले के लोग उनसे जबरन भट्टा (नजराना) वसूलते हैं. उनसे हर साल 1 लाख रु. से 5 लाख रु. लिए जाते हैं. हाल में हिंदुओं ने उन्हें भट्टा देना बंद कर दिया था. इसकी वजह से भायो कबीले के  लोग और नाराज हो गए.

मृत हिंदुओं का अंतिम संस्कार 8 नवंबर को सुक्कुर के पास सतु बेला मंदिर में किया गया. हिंदुओं का आरोप है कि पुलिसवाले अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं. राष्ट्रपति आसिफ अली .जरदारी ने नेशनल एसेंबली के सदस्य रमेश लाल और सिंध के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहनलाल कोहिस्तानी को इस मामले की जांच करने का निर्देश दिया. ये दोनों नेता डॉक्टरों के अंतिम संस्कार में शामिल हुए और उन्होंने अपने समुदाय को दोषियों को गिरफ्तार कराने का आश्वासन दिया. रमेशलाल का कहना है, ''एफआइआर दर्ज कराने के बाद पुलिस अपनी कार्रवाई शुरू कर देगी.''

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं. इस साल मार्च में हमलावरों ने इस्लामाबाद में पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्री शाहबाज भट्टी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. वे ईसाई थे. अभी तक उनके हत्यारों को पकड़ा नहीं जा सका है. सितंबर में अमेरिका में जारी रीलिजियस फ्रीडम रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान उन 10 देशों में शुमार है जो धार्मिक अधिकारों की हिफाजत करने में नाकाम है. सिंध में हिंदू महिलाओं को अगवा करना और उन्हें मुस्लिम बनाना आम बात है. पाकिस्तान की 18 करोड़ आबादी में हिंदुओं की तादाद 1 फीसदी से थोड़ा ज्‍यादा है.

Advertisement
Advertisement