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भारत ने पोलैंड को हराया, फ्रांस से होगा फाइनल

सिडनी ओलंपिक की कड़वीं यादों का बदला चुकता करते हुए भारत ने ओलंपिक क्वालीफायर के आखिरी राउंड राबिन मैच में पोलैंड को 4-2 से हराकर बाहर कर दिया. अब रविवार को फाइनल में मेजबान भारत का मुकाबला फ्रांस से होगा.

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सिडनी ओलंपिक की कड़वीं यादों का बदला चुकता करते हुए भारत ने ओलंपिक क्वालीफायर के आखिरी राउंड राबिन मैच में पोलैंड को 4-2 से हराकर बाहर कर दिया. अब रविवार को फाइनल में मेजबान भारत का मुकाबला फ्रांस से होगा.

पोलैंड ने सिडनी ओलंपिक 2000 में भारत को ड्रा पर रोककर सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर कर दिया था जिसका भारत ने बदला चुकता कर दिया. भारत लीग चरण के पांचों मैच जीतकर 15 अंक के साथ शीर्ष पर रहा. फ्रांस के 10 और पोलैंड के नौ अंक बने.

भारत के लिये ड्रैग फ्लिकर संदीप सिंह (26वां मिनट और 70वां मिनट), शिवेंद्र सिंह (59वां मिनट), वी आर रघुनाथ (64वां मिनट) ने गोल किये जबकि पोलैंड के लिये टोमाज डुटकिविज (12वां मिनट), मिरोस्लाव जुजाक (61वां मिनट) ने गोल दागे. पहले हाफ में भारतीय टीम गेंद पर नियंत्रण के मामले में बेहतर रही लेकिन गोल करने के कई मौके गंवाये.

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नौवें मिनट में डी के भीतर मिले क्रास को सरवन पहले ट्रैप नहीं कर सके और इसी मूव पर बाद में उनका निशाना गोल पर नहीं लगा. भारत को मिले पहले तीन पेनाल्‍टी कार्नर भी बेकार गए. पहले 18वें और 19वें मिनट में वी आर रघुनाथ ने मौका गंवाया तो 24वें मिनट में संदीप गोल करने में नाकाम रहे. भारत को 26वें मिनट में चौथा पेनल्टी कार्नर मिला जिसे संदीप ने गोल में बदला. यह टूर्नामेंट में उसका 10वां और 128वां अंतरराष्ट्रीय गोल था.

दूसरे हाफ में भारत को 41वें मिनट में पेनाल्‍टी कार्नर मिला जब मिडफील्ड से सरदार ने गेंद दानिश मुज्तबा को सौंपी और डी के भीतर तुषार खांडेकर को पोलैंड डिफेंडरों ने बाधा पहुंचाई.

संदीप का तूफानी शाट पोलैंड के गोलकीपर ने बखूबी बचाया. इसके बाद 57वें और 58वें मिनट में भारत को मिले पेनल्टी कार्नर पर रघुनाथ गोल नहीं कर सका.

भारत को दूसरी कामयाबी शिवेंद्र ने दिलाई जिसे सरवनजीत सिंह ने डी के भीतर गेंद सौंपी थी. पोलैंड ने जवाबी हमले में पेनल्टी कार्नर बनाकर मिरोस्लाव के गोल के दम पर बराबरी की. भारत के लिये तीसरा गोल 64वें मिनट में मिले पेनल्टी कार्नर पर आखिरकार रघुनाथ ने किया. वहीं संदीप ने आखिरी मिनट में मिले पेनल्टी कार्नर को तब्दील करके टूर्नामेंट में अपने नाम 11 गोल कर लिये.

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