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और बढ़ेंगी ब्याज दरें, 8 फीसदी से कम रहेगी आर्थिक वृद्धि

दहाई अंक के आसपास बनी महंगाई दर पर और कड़ाई से अंकुश लगाने के लिये रिजर्व बैंक ने एक बार फिर प्रमुख नीतिगत ब्याज दरों में वृद्धि का संकेत दिया है. हालांकि, रिजर्व बैंक के इस कदम से आर्थिक वृद्धि की रफ्तार और धीमी पड़ने की आशंका भी है.

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रिजर्व बैंक
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दहाई अंक के आसपास बनी महंगाई दर पर और कड़ाई से अंकुश लगाने के लिये रिजर्व बैंक ने एक बार फिर प्रमुख नीतिगत ब्याज दरों में वृद्धि का संकेत दिया है. हालांकि, रिजर्व बैंक के इस कदम से आर्थिक वृद्धि की रफ्तार और धीमी पड़ने की आशंका भी है.

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रिजर्व बैंक ने कहा है कि आर्थिक वृद्धि के लिए जोखिम दिखने लगा है लेकिन इसके साथ ही मुद्रास्फीति को निरंतर एक स्वीकार्य स्तर तक नीचे बनाये रखने की चुनौती भी सामने खड़ी है. इसके साथ ही केन्द्रीय बैंक ने यह भी कहा है कि विभिन्न वैश्विक और घरेलू परिस्थितियों पर गौर करते हुये चालू वित्त वर्ष 2011-12 में आर्थिक वृद्धि पहले लगाये अनुमान से कुछ कम रहेगी.
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रिजर्व बैंक कल चालू वित्त वर्ष की रिण एवं मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा पेश करेगा. पिछले वर्ष मार्च से अब तक रिजर्व बैंक महंगाई को काबू में करने के लिये अल्पकालिक नीतिगत ब्याज दरों में 12 बार में वृद्धि कर चुका है.
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वित्त वर्ष की मौद्रिक नीति की छमाही समीक्षा की पूर्व संध्या पर आज जारी समीक्षा में रिजर्व बैंक ने कहा है ‘मुद्रास्फीति जोखिम .. का दबाव बरकरार है. नीतिगत विकल्प काफी जटिल बन चुके हैं. इस स्थिति को देखते हुये आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति के बीच बनते गणित से ही मौद्रिक नीति की उपाय किये जायेंगे.

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हालांकि, बैंक ने कहा है कि पिछली समीक्षा में उठाये गये कदमों का पूरा असर अभी पूरा नहीं हुआ है.’ रिजर्व बैंक ने इस वित्त वर्ष के लिये पहले आठ प्रतिशत आर्थिक वृद्धि का अनुमान रखा था जो कि इससे पिछले वर्ष 2010-11 में हासिल 8.5 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि से कम था. लेकिन अब चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि आठ प्रतिशत से भी कम रहने की आशंका व्यक्त की जा रही है.

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