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आरुषि हत्याकांडः आरोप तय करने की प्रक्रिया शुरू

आरुषि तलवार, हेमराज दोहरे हत्याकांड मामले में मंगलवार दोपहर गाजियाबाद की एक अदालत में मुख्य आरोपियों राजेश व नूपुर तलवार के खिलाफ आरोप तय करने की प्रक्रिया शुरू हो गई.

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नूपुर तलवार
नूपुर तलवार

आरुषि तलवार, हेमराज दोहरे हत्याकांड मामले में मंगलवार दोपहर गाजियाबाद की एक अदालत में मुख्य आरोपियों राजेश व नूपुर तलवार के खिलाफ आरोप तय करने की प्रक्रिया शुरू हो गई.

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केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के वकील आर.के. सैनी ने विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एस. लाल से कहा कि तलवार दंपत्ति अपनी बेटी की हत्या व अपराध स्थल से सबूत मिटाने के दोषी हैं. उन्होंने कहा कि इन वजहों के आधार पर तलवार दंपत्ति के खिलाफ आरोप तय किए जाने चाहिए.

सीबीआई की इस दलील को खारिज करते हुए तलवार दंपत्ति के वकील विजय पाल सिंह राठी ने कहा, 'मामले में क्लोजर रिपोर्ट सौंपा जाना अपने आप में इस बात का सबूत है कि तलवार दंपत्ति के खिलाफ कोई प्रमाण नहीं है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सीबीआई द्वारा किए गए सभी वैज्ञानिक परीक्षण उसकी इस दलील के खिलाफ हैं. इसलिए सीबीआई उन्हें अपराधी साबित करने में असफल रही है. न तो प्रत्यक्ष और न ही परिस्थितिजन्य साक्ष्य सीबीआई के आरोप तय किए जाने के तर्क का समर्थन करते हैं. इसलिए नूपुर व राजेश तलवार को इस मामले में बरी कर दिया जाना चाहिए.'

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अदालत ने सोमवार को 2008 के आरुषि व तलवार दंपत्ति के घरेलू नौकर हेमराज की हत्या के दोहरे हत्याकांड मामले में सुनवाई मंगलवार तक के लिए टाल दी थी.

इससे पहले 16 मई को अदालत ने सीबीआई को आरुषि के अभिभावकों के खिलाफ साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए सोमवार तक का समय दिया था.

निचली अदालत ने हत्या के लगभग चार साल बाद 11 मई को सुनवाई शुरू की थी.

गौरतलब है कि 14 वर्षीया आरुषि को 16 मई, 2008 को उसके नोएडा स्थित आवास पर मृत पाया गया था. तलवार परिवार को इसके अगले दिन घर की छत पर अपने घरेलू नौकर हेमराज का भी शव मिला.

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