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मेरा किसी से बैर नहीं: संजय जोशी

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व संगठन महामंत्री संजय जोशी को पार्टी से बाहर करने के लिए कोई कोर कसर न छोड़ी हो, लेकिन खुद जोशी का कहना है कि उनका किसी से कोई बैर नहीं है.

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संजय जोशी
संजय जोशी

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व संगठन महामंत्री संजय जोशी को पार्टी से बाहर करने के लिए कोई कोर कसर न छोड़ी हो, लेकिन खुद जोशी का कहना है कि उनका किसी से कोई बैर नहीं है. उन्होंने दिल्ली से लेकर गुजरात तक चले पोस्टर वार पर भी अपना पक्ष साफ करते हुए कहा है कि ऐसा करने वाले भाजपा के शुभचिंतक नहीं हो सकते.

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दरअसल, संजय जोशी ने भाजपा कार्यकर्ताओं के नाम एक अपील जारी की है, जिसमें यह बातें कही गई हैं। उन्होंने यह कहते हुए कि उनके लिए दल और विचारधारा सर्वोपरि है, कार्यकर्ताओं से अपील की है कि कोई भी ऐसा पोस्टर, पर्चा न जारी करें और न ही कोई अभियान चलाएं जो किसी एक नेता या नेताओं के खिलाफ हो. यह ध्येय के विरुद्ध होगा.

इससे पहले मोदी के दबाव में भाजपा द्वारा पहले तो संजय जोशी को कार्यकारिणी से बाहर किए जाने और उसके बाद उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिए जाने के बाद कई दिनों तक दिल्ली से लेकर गुजरात और देश के कई हिस्सों में उनके नाम और तस्वीर के साथ पोस्टर लगाने के घटनाएं सामने आई थीं. ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों को मोदी विरोधी और जोशी समर्थक बताया जा रहा था. खुद भाजपा ने इसे पार्टी विरोधी असामाजिक तत्वों का हाथ करार दिया था.

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जोशी ने अपनी अपील में कहा है, 'इन घटनाओं पर मैं पहले भी स्पष्ट कर चुका हूं कि ऐसा करने वाले भाजपा के शुभचिंतक नहीं हो सकते. यह कार्य षड्यंत्रकारियों का है. मैं पार्टी कार्यकताओं एवं शुभचिंतकों से अपील करता हूं कि न वे किसी प्रकार का पोस्टर, पैम्पलेट जारी करें और न ही मेरे पक्ष में कोई अभियान चलाएं.'

उन्होंने कहा, 'मैंने हमेशा ही पार्टी के कर्तव्य को अपने से बड़ा माना है. व्यक्ति का महत्व दल के कारण है. मेरे लिए दल और विचारधारा सर्वोपरि है. बीजेपी है तभी हम है इसलिए हमें ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए, जिससे बीजेपी को नुकसान हो. इस समय देश की जैसी हालत है, उसमें पोस्टर या अन्य ऐसे अभियानों का विरोधी फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं. वे पार्टी और नेताओं को भी बदनाम करने का षड्यंत्र रच सकते हैं. इनसे बचने की जरूरत है.'

जोशी की पार्टी से विदाई में भले ही मोदी का हाथ हो लेकिन खुद जोशी कहते हैं, 'मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि मेरा किसी से बैर नहीं है. इसलिए कोई भी ऐसा पोस्टर, पर्चा या अभियान किसी एक नेता या नेताओं के खिलाफ हो, यह ध्येय विरुद्ध होगा. यह समय विवेक और धैर्य से पार्टी हित में काम करने का है.'

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उन्होंने कहा कि आज देश महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे विकट समस्यओं से जूझ रहा है जिसका डटकर मुकाबला करने की जरूरत है. ऐसे समय में व्यक्तिगत रागद्वेष से ऊपर उठकर हमें केन्द्र की उस गूंगी-बहरी सरकार के खिलाफ अभियान को मजबूती देने की जरूरत है जो आम आदमी के हितों से बेपरवाह है.

उल्लेखनीय है कि मोदी के दबाव में जोशी को पहले तो कार्यकारिणी से बाहर का रास्ता दिखाया गया और फिर बाद में पार्टी की ओर से कहा गया है कि उन्होंने पार्टी छोड़ने का आग्रह किया था, जिसे अध्यक्ष नितिन गडकरी ने स्वीकार कर लिया. इसके बाद जोशी ने हालांकि कहा था कि उन्होंने पार्टी नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी से मुक्त किए गए जाने का आग्रह किया था न कि पार्टी से. बहरहाल, जोशी ने भाजपा के लेटरहेड पर यह अपील जारी की है.

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