बेहद मृदुभाषी और हमेशा अपने बल्ले से जवाब देने वाले सचिन तेंदुलकर ने शुक्रवार को कहा कि राज्यसभा में उन्हें चिल्लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और वह पूरी शिष्टता से अपनी बात रखेंगे.
तेंदुलकर को राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिये मनोनीत किया है. उन्होंने हाल में पद और गोपनीयता की शपथ ली थी. इस स्टार बल्लेबाज ने हालांकि अभी तक सदन की कार्यवाही में भाग नहीं लिया है. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों का शतक पूरा करने वाले तेंदुलकर ने कहा कि वह सादगी के साथ अपनी बात रखेंगे और इसके लिये चिल्लाएंगे नहीं जैसा कि आजकल कुछ सांसद करते हैं.
उन्होंने कहा, ‘नहीं मुझे नहीं लगता कि मुझे चिल्लाने की जरूरत पड़ेगी और उम्मीद है कि कोई मुझे इसके लिये उकसाएगा नहीं.’ तेंदुलकर ने राजनेताओं को भी सीख दी कि अपनी बात रखने के लिये चिल्लाना जरूरी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘किसी को चिल्लाना क्यों चाहिए. आप शिष्टता से भी अपनी बात रख सकते हैं. आप जो कहना चाहते हैं वह कहें और फिर जो होता है उसे होने दो.’
तेंदुलकर ने लंदन ओलंपिक में भाग लेने वाले भारतीय खिलाड़ियों को सलाह दी कि उन्हें इस खेल महाकुंभ में देश का गौरव बढ़ाने के लिये अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर ध्यान लगाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘मैं ओलंपिक में भारतीय दल के अच्छे प्रदर्शन के लिये ईश्वर से प्रार्थना करता हूं. भगवान उन्हें मजबूती प्रदान करे और वे वहां जाकर अच्छा प्रदर्शन कर सकें. मैं यही कह सकता हूं कि अपने खेल का लुत्फ उठाओ और आपको अनुकूल परिणाम मिलेंगे.
पिछले दो दशक से भी अधिक समय से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे तेंदुलकर ने कहा कि दिन रात्रि के टेस्ट मैच आयोजित करने से पहले इसे प्रथम श्रेणी मैचों में आजमाना चाहिए और दुनिया भर के खिलाड़ियों की इस पर राय ली जानी चाहिए.
तेंदुलकर ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह इतना आसान है जितना लग रहा है. क्योंकि जब आप सुनिश्चित हो जाओगे कि क्रिकेट गेंद का रंग क्या है और वह बल्लेबाजों को भाने लगेगी तो आप इसको अपना सकते हो.’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन मैं इसे सीधे टेस्ट क्रिकेट में आजमाने के पक्ष में नहीं हूं. इसे पहले प्रथम श्रेणी क्रिकेट में आजमाया जा सकता है. इसके बाद केवल कुछ देशों नहीं बल्कि दुनिया भर के खिलाड़ियों की राय लेकर आगे बढ़ा जा सकता है.’
कभी जान मैकनरो के दीवाने रहे तेंदुलकर टेनिस में काफी रुचि रखते हैं. वह अक्सर विंबलडन में मैच देखने के लिये जाते रहे हैं और रोजर फेडरर उनका पसंदीदा खिलाड़ी है. तेंदुलकर का मानना है कि फेडरर भले ही 2010 से कोई ग्रैंडस्लैम नहीं जीत पाये लेकिन वह दिग्गज खिलाड़ी हैं तथा कुछ और ग्रैंडस्लैम जरूर जीतेंगे. उन्होंने कहा, ‘मैं समझता हूं कि महान खिलाड़ी हमेशा महान रहेगा. फार्म कभी खराब हो जाती है लेकिन कौशल तो स्थायी है. मुझे विश्वास है कि फेडरर और ग्रैंडस्लैम जीतेगा.’