scorecardresearch
 

भोपाल गैस कांड के लिये डाउ जिम्मेदार नहीं: आईओसी

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की 1984 के भोपाल गैस पीड़ितों के लिये चिंता को स्वीकार किया है लेकिन साथ ही साफ किया है कि डाउ कैमीकल का 2000 तक यूनियन कार्बाइड में कोई मालिकाना हक नहीं था.

Advertisement
X

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की 1984 के भोपाल गैस पीड़ितों के लिये चिंता को स्वीकार किया है लेकिन साथ ही साफ किया है कि डाउ कैमीकल का 2000 तक यूनियन कार्बाइड में कोई मालिकाना हक नहीं था.

Advertisement

आईओसी ने इसके साथ ही कहा कि उसका डाउ कैमीकल के साथ पिछले 30 साल से अधिक समय से रिश्ता है और ‘हमने जब डाउ के साथ भागीदारी पर चर्चा की तो हम भोपाल कांड से वाकिफ थे.’ भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने लंदन ओलंपिक खेलों के एक प्रायोजक के रूप में डाउ कैमीकल का शुरू से विरोध किया है क्योंकि यूनियन कार्बाइड का मालिकाना हक उसके पास है.

यूनियन कार्बाइड भारत के सबसे दर्दनाक औद्योगिक हादसे के लिये जिम्मेदार रही है. आईओए न आईओसी और लंदन ओलंपिक खेलों की आयोजन समिति से डाउ को खेलों के प्रायोजक से हटाने का आग्रह किया था. आईओए के कार्यवाहक अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा को भेजे गये पत्र में आईओसी प्रमुख जाक रोगे ने कहा है, ‘आईओसी मानती है कि 1984 में भोपाल कांड भारत और दुनिया के लिये भयावह था.

Advertisement

ओलंपिक आंदोलन पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना रखता है.’ इस पत्र पर मल्होत्रा ने कहा कि आईओए आईओसी के रवैये से संतुष्ट नहीं है. उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि आईओसी को हमारी भावनाओं को समझकर डाउ को प्रायोजक से हटाना चाहिए.’ उन्होंने इसके साथ ही कहा कि केंद्र सरकार को इस मसले पर अपना रवैया साफ करना चाहिए.

मल्होत्रा ने कहा, ‘हमें अभी सरकार से कोई जवाब नहीं मिला है जबकि आईओसी ने हमें जवाब दे दिया है.’ मल्होत्रा ने कहा कि जबकि डाउ कैमीकल सरकार की जानकारी और अनुमति से भारत में अपना काम कर रहा है तब प्रायोजन मसला उठने पर उसने आईओए के पाले में गेंद फेंक दी. उन्होंने कहा, ‘सरकार को इस मसले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.’

Advertisement
Advertisement