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चीयरगर्ल ने कहा,क्रिकटरों का कोई चरित्र नहीं होता

क्रिकेटरों का कोई चरित्र नहीं होता, क्रिकेटर सबसे बदतमीज होते हैं. ये इल्जाम लगाया है उस लड़की ने, जिस पर क्रिकेटरों को चीयर करने जिम्मा था. ब्लॉगिंग के जरिये क्रिकेटरों की निजी जानकारी बाहरी दुनिया को लीक करने के इल्जाम में टी-20 से निकाली गई दक्षिण अफ्रीका की चीयरगर्ल गैबरियला ने क्रिकेटरों और टी-20 के पार्टी कल्चर को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं.

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क्रिकेटरों का कोई चरित्र नहीं होता, क्रिकेटर सबसे बदतमीज होते हैं. ये इल्जाम लगाया है उस लड़की ने, जिस पर क्रिकेटरों को चीयर करने जिम्मा था. ब्लॉगिंग के जरिये क्रिकेटरों की निजी जानकारी बाहरी दुनिया को लीक करने के इल्जाम में टी-20 से निकाली गई दक्षिण अफ्रीका की चीयरगर्ल गैबरियला ने क्रिकेटरों और टी-20 के पार्टी कल्चर को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं.

क्रिकेट और ग्लैमर का रिश्ता पुराना है लेकिन अब सामने आ रहा है इस चकाचौंध का काला सच जिसने क्रिकेटरों को ही कठघरे में खड़ा कर दिया. दक्षिण अफ्रीका की एक चीयरगर्ल गैबरिएला ने क्रिकेटरों पर पार्टियों के दौरान अश्लील हरकत करने का आरोप लगाया है.

गैबरिएला उन 40 द. अफ्रीकी चीयरगर्ल्स में से एक थी जो टी-20 सीजन 4 में आई तो थी जलवा बिखेरने, लेकिन एक ब्लॉग में सच लिखना इतना महंगा पड़ा कि उन्हें बीच टूर्नामेंट से ही वापस भेज दिया गया. गैबरिएला की मानें तो उन्हें खिलाड़ियों के शिकायत करने पर ही वापस भेजा गया.

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गैबरिएला ने कहा है कि पिछले मंगलवार मुझे वापस भेज दिया गया जैसे कि मैं कोई अपराधी हूं, मुझसे इस तरह बात की गई जैसे मैंने ड्रग्स ली हो या फिर कोई बड़ी गलती की हो, मेरी बात रखने का भी मुझे मौका नहीं दिया गया.

गैबरिएला के मुताबिक, भारत पहुंचने पर चीयरगर्ल्स को क्रिकेटरों से दूर रहने की हिदायत तो ज़रूर दी जाती है लेकिन ज़्यादातर चीयरगर्ल्स की क्रिकेटरों से नज़दीकियां हैं.

उसने अपने ब्‍लॉग में लिखा है कि ये एक भद्दा मज़ाक है, सब जगह कैमरे रहते हैं और हर कोई देख सकता है कि इन पार्टियों में क्रिकटरों का रवैया क्या होता है. वो हमें गोश्त समझते हैं.
यकीनन क्रिकेटरों के बारे में गैबरियला की ये राय उनके फैन्स को हिला सकती हैं, जो क्रिकेटरों को दीवानगी की हद तक चाहते हैं.

चीयरगर्ल गैबरियला का इल्जाम लगाते हुए कहा है कि मैंने महसूस किया कि क्रिकटरों का कोई कैरेक्टर नहीं होता और दूसरे खेलों के मुकाबले क्रिकेटर ज़्यादा बदतमीज़ होते हैं. हैरानी होती है कि लड़कियों को लेकर क्रिकेटरों और आम आदमी की सोच में कोई फर्क नहीं है और मैंने खुद से कहा कि क्रिकेटरों से सावधान.

क्रिकेट की दुनिया की ये काला सच शर्मसार करने वाला है और साथ ही सवाल ये भी उठता है कि बीसीसीआई हर बार मैच के बाद होने वाली पार्टीज़ पर पाबंदी का वादा तो करती है लेकिन उस पर अमल नहीं. अब देखने वाली बात ये है कि क्या भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड इस बार भी चुप्पी साध लेगा या फिर कोई कार्रवाई भी करेगा.

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