इंडियन प्रीमियर लीग की नीलामी में पाकिस्तानी क्रिकेटरों की जिस तरह उपेक्षा की गयी, उससे ट्वेंटी20 कप्तान शाहिद अफरीदी काफी गुस्से में हैं और उन्होंने कहा कि आईपीएल का रवैया निराशाजनक था.
मुंबई में आज हुई आईपीएल की नीलामी में अफरीदी के मुख्य आकषर्ण होने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अफरीदी ने ब्रिसबेन से कहा कि जिस तरह से नीलामी हुई, उससे वह काफी निराश और हताश हैं.
अफरीदी ने कहा, ‘‘मुझे ऐसा लग रहा है कि आईपीएल और भारत ने हमारा और हमारे देश का मजाक उड़ाया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम ट्वेंटी20 विश्व चैम्पियन हैं और फ्रेंचाइजी टीमों का रवैया मेरे प्रति निराशाजनक रहा. मुझे भारतीय लोगों के लिये बुरा लग रहा है क्योंकि मुझे पूरा भरोसा है कि वे हमें इस साल आईपीएल में खेलते देखना चाहते थे.’’ अफरीदी नीलामी में रखे जाने वाले पहले खिलाड़ी थे और उनका आधार मूल्य 250,000 डालर था, लेकिन किसी भी फ्रेंचाइजी ने उन्हें खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखायी.
फ्रेंचाइजी टीमों ने वेस्टइंडीज, दक्षिण अफ्रीका और आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को तरजीह दी, लेकिन 11 पाकिस्तानी क्रिकेटरों की अनदेखी की. फ्रेंचाइजी टीमों ने कहा कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं थी और वे उन पर पैसा लगाकर जोखिम नहीं उठाना चाहते थे. अफरीदी उन पाकिस्तानी खिलाड़ियों में से थे, जो आईपीएल के पहले सत्र में खेल चुके थे. अफरीदी डेक्कन चार्जर्स टीम का हिस्सा थे.
सीनियर आलराउंडर अब्दुल रज्जाक ने कहा कि आईपीएल और भारत सरकार ने मिलजुल कर पाकिस्तानी खिलाड़ियों को अपमानित करने की योजना बनायी.
रज्जाक ने कहा, ‘‘उन्होंने हमारे क्रिकेट और छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की और यह बहुत निराशाजनक है क्योंकि मुझे लगता है कि खेलों में राजनीति नहीं होनी चाहिए. ’’ उन्होंने कहा कि अगर फ्रेंचाइजी टीमों को पाकिस्तानी खिलाड़ियों में कोई दिलचस्पी नहीं थी तो उन्हें नीलामी में शामिल करने की कोई जरूरत नहीं थी.
रज्जाक ने कहा, ‘‘अंत में आईपीएल को ही नुकसान हुआ क्योंकि हमारे खिलाड़ी स्टार हैं और ट्वेंटी20 क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ हैं.
आल राउंडर सोहेल तनवीर आईपीएल के पहले चरण में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज रहे थे और उन्होंने राजस्थान रायल्स को खिताब जीतने में अहम भूमिका निभायी थी. उन्होंने कहा कि वह काफी अपमानित महसूस कर रहे हैं और नीलामी में जो कुछ हुआ उससे काफी खफा हैं.
तनवीर ने कहा, ‘‘उनका मतलब था कि हमारा कोई भी खिलाड़ी आईपीएल के लायक नहीं था. लेकिन मैं कहूंगा कि फ्रेंचाइजी टीमों ने क्रिकेट की समझ से नहीं बल्कि राजनीति के आधार पर यह फैसला लिया है, जो शर्मनाक है और इससे खेल की छवि को नुकसान पहुंचा है.