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2010 की हलचल ने इंटरनेट को बनाया और भी दिलचस्प

वर्ष 2010 की हलचल इंटरनेट की दुनिया पर भी रही, जिसने इस आभासी दुनिया को बेहद रोचक बना दिया. सर्च इंजन गूगल ने इस साल भी भारत के अरूणाचल प्रदेश को चीन में दिखा दिया. पिछले साल भी ऐसा ही हुआ था.

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वर्ष 2010 की हलचल इंटरनेट की दुनिया पर भी रही, जिसने इस आभासी दुनिया को बेहद रोचक बना दिया. सर्च इंजन गूगल ने इस साल भी भारत के अरूणाचल प्रदेश को चीन में दिखा दिया. पिछले साल भी ऐसा ही हुआ था.

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भारत सरकार ने इस साल सर्च इंजन गूगल, इंटरनेट फोन कॉल प्रोवाइडर स्काइप, सेवा प्रदाता वचरुअल प्राइवेट नेटवर्क :वीपीएन: और कुछ अन्य कंपनियों को कानून लागू करने वाली एजेंसियों को अपनी सेवाएं मुहैया कराने को कह दिया.

गौरतलब है कि गूगल, स्काइप, वीपीएन और कुछ अन्य नेटवर्कों के जरिए आंकड़ों के आदान-प्रदान पर देश की सुरक्षा एजेंसियों की पहुंच नहीं है.

अगस्त माह में फेसबुक भारत में आरकुट तथा याहू जैसी प्रतिस्पर्धियों को पछाड़ते हुए शीर्ष सोशल नेटवर्किंग साइट बन गई. इस साल जुलाई में उसके विजिटर्स की संख्या 2.09 करोड़ रही.

मई माह में दुनिया के तीन देशों में वेब एड्रेस अंग्रेजी में लिखने की बाध्यता खत्म हो गई. मिस्र, सउदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ऐसे पहले तीन देश बन गए हैं जहां अरबी लिपि में वेब एड्रेस का इस्तेमाल किया जा सकता है. चीन समेत कुछ देश पहले ही ऐसी प्रणाली विकसित कर चुके हैं जिससे किसी भी वेब एड्रेस को अपनी ही भाषा में लिखा जा सकेगा.

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इंटरनेट दुनिया के ‘बादशाह’ गूगल को इस साल जनवरी में चीनी लेखकों से माफी मांगी पड़ी. उसने यह भी स्वीकार किया कि उसने चीनी कॉपीराइट का उल्लंघन कर चीनी किताबों को अपने डिजिटल लाइब्रेरी प्रोजेक्ट के लिए स्कैन किया. किताबों की स्कैनिंग से चीनी लेखकों में गुस्से की लहर दौड़ गई थी.

{mospagebreak} मार्च में गूगल ने चीन में अपने इंटरनेट सर्च रिजल्ट का सेंसरशिंप बंद कर दिया। इस कदम का जहां मानवाधिकारवादियों ने स्वागत किया वहीं चीन ने इसपर कड़ी प्रतिक्रिया जताई. मार्च में ब्राजील की एक अदालत ने अमेरिकी इंटरनेट सर्च इंजन गूगल पर, उसकी सोशल नेटवर्किंग साइट ओरकुट पर आपत्तिजनक चुटकुलों को सेंसर न करने की वजह से जुर्माना ठोक दिया. अदालत ने गूगल को यह भी कहा कि अब वह ऐसी सामग्री ओरकुट पर न डाले.

मई में फेसबुक के एक पन्ने पर पैगंबर मोहम्मद के कार्टूनों की प्रतियोगिता को लेकर लाहौर उच्च न्यायालय ने अस्थायी तौर पर इस पर पाबंदी के लिए कहा था, जिसके मुताबिक पाकिस्तान सरकार ने सभी इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को इस सोशल नेटवर्किंग साइट को ब्लॉक करने का निर्देश दिया. इसके अगले दिन पाकिस्तान में यू ट्यूब को और उसके बाद वाले दिन ट्विटर को भी ब्लॉक कर दिया गया.

पाकिस्तान के बाद बांग्लादेश ने भी पैगम्बर मोहम्मद साहब के कथित कार्टून और मुल्क के कई नेताओं की ‘अप्रिय’ तस्वीरें अपलोड किये जाने की वजह से सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर पाबंदी लगा दी.

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फरवरी माह में ब्रिटेन में तैयार, विलियम शेक्सपीयर के रोमांटिक नाटक ‘रोमियो और जूलियट’ पर आधारित एक ऑनलाइन गेम दुनिया भर में इंटरनेट पर काफी लोकप्रिय हुआ. अमेरिका में एक वेबसाइट ने देश के खुफिया दस्तावेजों को जारी किया और रातोंरात चर्चित हो गई. विकीलीक्स नामक इस वेबसाइट से जारी दस्तावेजों में हुए खुलासों ने न केवल अमेरिका को बल्कि पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया.

{mospagebreak} विकीलीक्स पर अमेरिका की नजर टेढ़ी हुई. इस बेबसाइट को हैक करने की लगातार जारी कोशिश के बाद अमेरिका ने विकीलीक्स की डोमेन सेवा को ही बंद कर दिया. एक दिसंबर को चीन ने ढाई लाख अमेरिकी खुफिया दस्तावेज जारी करने वाले विकीलीक्स तक पहुंचने पर रोक लगा दी.

इन खुफिया दस्तावेजों में बीजिंग की अपने करीबी सहयोगी उत्तर कोरिया के साथ रिश्तों का पर्दाफाश करने के अलावा चीन पर आरोप लगाया गया कि गूगल को हैक करने में उसका पूरी तरह से हाथ था.

इस साल हुए दो अलग अलग सर्वे में कहा गया कि भारत स्पैम की पैदाइश के मामले में दूसरे स्थान पर है. यानी दुनिया भर में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों के पास जो ‘स्पैम’ यानी अवांछित ई-मेल आते हैं उनमें दूसरी सबसे ज्यादा हिस्सेदारी भारत की होती है.

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‘पांडा लैब्स’ की ओर से किए गए अध्ययन के मुताबिक, दुनिया भर के 10.98 फीसदी स्पैम में इंटरनेट प्रोटोकॉल पता भारत का होता है.

कंप्यूटर सुरक्षा कंपनी सोफोस के अनुसार, डर्टी डॉजन में सबसे उपर अमेरिका है जिसके खाते में दुनिया भर के कुल जंक मेल का 13 फीसद से ज्यादा है. भारत के खाते में करीब सात फीसद जंक मेल हैं.

विश्व की सबसे उंची पर्वत चोटी से भी अब पर्वतारोही अपने मोबाइल से वीडियो काल करने के अलावा इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकेंगे.

स्विट्जरलैंड की मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी टेलियासोनेरा की सहयोगी नेपाली कंपनी एनसेल ने 28 अक्तूबर को दावा किया कि उसने एवरेस्ट क्षेत्र में 17 हजार फुट की उंचाई पर स्थित गोरक्षक गांव के पास उच्च स्पीड वाला तीसरी पीढ़ी (थ्रीजी) फोन आधार स्टेशन स्थापित किया है.

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