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चीन के खिलाफ अमेरिका से नहीं जुड़ रहा भारत: एंटनी

भारत ने स्पष्ट किया है कि अमेरिका के साथ बढ़ रहे उसके संबंधों का मतलब यह नहीं है कि वह चीन के खिलाफ अमेरिका से जुड़ रहा है.

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एके एंटनी
एके एंटनी

भारत ने स्पष्ट किया है कि अमेरिका के साथ बढ़ रहे उसके संबंधों का मतलब यह नहीं है कि वह चीन के खिलाफ अमेरिका से जुड़ रहा है.

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रक्षामंत्री एके एंटनी ने कहा, ‘नहीं, यह सही नहीं है. हम अपने सशस्त्र बलों को अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराकर मजबूत बना रहे हैं. यह किसी देश के खिलाफ नहीं है, लेकिन अपनी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए है.’

मंत्री इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या अमेरिका मुख्यत: चीन फैक्टर की वजह से भारत के साथ काम करना चाहता है. उन्होंने कहा, ‘हम इतना अत्याधुनिक एवं सक्षम बल चाहते हैं जो क्षेत्रीय अखंडता एवं किसी भी कोने से किसी भी चुनौती का सामना कर सके.’

हाल ही में पश्चिमी मीडिया में खबरें आई थीं कि भारत और अमेरिका ने चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति से निपटने के लिए घनिष्ठ सैन्य संबंध विकसित कर लिए हैं. भारत पहले पूरी तरह रूसी सैन्य साजोसामान पर निर्भर था, लेकिन पांच छह साल से उसने अमेरिकी हथियार हासिल करना शुरू कर दिया है. इस अवधि में भारत आठ अरब अमेरिकी डालर के उपकरण खरीद चुका है जिनमें सी-130 जे और सी-17 परिवहन विमान, पी-8आई समुद्री निगरानी विमान और एक युद्धपोत ‘यूएसएस ट्रेंटन’ भी शामिल है.

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