दिल्ली में अनशन स्थल पर जाने से पहले ही अन्ना हजारे को गिरफ्तार किए जाने के बाद देशभर में आंदोलन की लहर दिखाई पड़ रही है.
देश के बुद्धिजीवी वर्ग के साथ-साथ सियासी गलियारों में भी अन्ना हजारे की गिरफ्तारी के विरोध और आंदोलन के समर्थन में आवाज उठ रही है. देश के करीब हर कोने में लोग सड़कों पर उतर आए हैं. लोग हाथों में तख्तियां लिए और अन्ना के समर्थन में 'अन्ना तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं' के नारे लगार विरोध प्रदर्शन करते नजर आए. देखिए आंदोलन के बीच शहरों का हाल...
दिल्ली में कई स्थानों पर लोग अन्ना हजारे के आंदोलन का समर्थन करने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं. सिविल लाइंस इलाके में अन्ना समर्थकों का जमावड़ा सबसे ज्यादा है.
भोपाल में अन्ना समर्थक शेहला मसूद की गोली माकरकर हत्या कर दी गई. शेहला मसूद आरटीआई कार्यकर्ता थीं. वैसे पूरे शहर में अन्ना के समर्थन में लोग उमड़ पड़े हैं.
मुंबई में मेधा पाटकर की अगुवाई में हजारों लोग अन्ना की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं.
ग्रेटर नोएडा में अन्ना की गिरफ्तारी का तीखा विरोध हो रहा है.
चेन्नई में सैंकड़ों लोगों ने भूख हड़ताल करने को निर्णय किया है.
आईआईटी खड़गपुर के छात्रों ने अन्ना के समर्थन में अनशन करने का फैसला किया है. छात्रों का कहना है कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना के आंदोलन में उनके साथ हैं.
पटना में कई जगहों पर लोग सड़क पर उतरकर अन्ना के समर्थन में नारे लगा रहे हैं.
इलाहाबाद और लखनऊ, दोनों स्थानों पर वकीलों का विरोध-प्रदर्शन हो रहा है.
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की और इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया.
मुंबई: एक मजबूत लोकपाल विधेयक की मांग और भ्रष्टाचार के खिलाफ हजारे के ‘जेल भरो अभियान’ के आह्वान पर उनके समर्थकों ने मुंबई में अपनी गिरफ्तारियां दी.
पुणे में हजारे के समर्थकों ने शहर के एक चौराहे पर एकत्र होकर पुलिस कार्रवाई और उनकी :हजारे की: गिरफ्तारी की निंदा की.
नासिक में भी एक रैली निकाली गई.
नागपुर में भारी तादाद में लोगों ने गिरफ्तारियां दी. नागपुर-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित एक चौराहे पर गांधी टोपी पहने हुए लोगों ने ‘मैं अन्ना का समर्थक हूं’ के नारे लगाए.
हैदराबाद: तेलगू देशम पार्टी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने हैदराबाद में कहा कि हजारे के खिलाफ पुलिस कार्रवाई पूरी तरह से ‘अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक’ है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हजारे की गिरफ्तारी को लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया.
झारखंड के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि किसी व्यक्ति के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार को कोई नहीं छीन सकता है.
पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की सहयोगी पार्टी सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर फॉर इंडिया (कम्युनिस्ट) ने हजारे की गिरफ्तारी को ‘प्रशासनिक फासीवाद’ बताया.
गुवाहाटी में भी हजारे एवं उनके समर्थकों की फौरन रिहाई की मांग करते हुए मानवाधिकार कार्यकर्ता धरना पर बैठ गए.
उड़ीसा में भी कई स्थानों पर प्रदर्शन किया गया और धरना दिया गया.
दक्षिण भारत हिस्से में तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल के कई स्थनों पर प्रदर्शन हुआ.
बेंगलूर के फ्रीडम पार्क में प्रदर्शनकारी तिरंगा झंडा लहरा रहे थे और कुछ लोग हजारे की तस्वीर वाला मुखौटा लगाए हुए थे और टी शर्ट पहने हुए थे तथा हजारे के समर्थन में नारे लगा रहे थे.
कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त और जन लोकपाल पर मसौदा विधेयक समिति के सदस्य संतोष हेगड़े ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की.
केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘सिर्फ एक निरंकुश शासन ही प्रदर्शन के लोकतांत्रिक अधिकार की इजाजत नहीं दे सकता.
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की और इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया.
केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने कहा, ‘मैं एक राष्ट्रीय दल से जुड़ा हुआ व्यक्ति हूं. और पार्टी ने इस मुद्दे पर अपना विचार बता दिया है. इस मुद्दे पर मुझे इसके अलावा कुछ नहीं कहना है.’’ कांग्रेस नेतृत्व ने हजारे के आमरण अनशन पर जाने के रूख को अलोकतांत्रिक और अस्वीकार्य बताया है.
आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक रवि शंकर ने कहा कि वह हजारे के अहिंसक प्रदर्शन का समर्थन करते हैं और कहा कि एक शांतिपूर्ण क्रांति का अनुरोध किया.