केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को भारतीय संपत्ति पर विदेशी कम्पनियों को हुए पूंजी लाभ पर कर लगाने के लिए आयकर कानून में पिछले प्रभाव के साथ बदलाव को वापस लेने से इंकार कर दिया और कहा कि भारत को टैक्स हैवेन नहीं बनने दिया जा सकता है.
आम बजट 2012-13 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मुखर्जी ने यह भी कहा कि विधायिका के पास अदालत के उन फैसलों को बदलने की शक्ति है, जो राज्य के वांछित लक्ष्य के विरुद्ध जाते हैं.
वह वोडाफोन पर भारतीय दूरसंचार कंपनी में हांग कांग की कम्पनी हचिसन की हिस्सेदारी खरीदने के सौदे में 11 हजार करोड़ रुपये के पूंजी लाभ कर के दावे की तरफ इशारा कर रहे थे. कानून में पिछले प्रभाव के साथ बदलाव करने का प्रस्ताव है.
उन्होंने कहा, 'ऐसी स्थिति को बने नहीं रहने दिया जा सकता है कि कोई विदेशी कंपनी भारतीय संपत्ति पर लाभ कमाए और न तो भारत में कर अदा करे और न ही अपने देश में कर अदा करे.'
उन्होंने कहा, 'विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए भारत को टैक्स हैवेन नहीं बनने दिया जा सकता.'
मुखर्जी ने कहा कि ब्रिटेन में भी इसी तरह के बदलाव किए गए हैं. इसी प्रकार से उन्होंने 2008 में अपने वित्त विधेयक में बदलाव किए और इसे 1987 से प्रभावी बनाया.'
उन्होंने कहा, 'भारत किसी से कमतर देश नहीं है.'