अमेरिकी रक्षा मंत्री लियोन पेनेटा की हालिया भारत यात्रा को बेहद सफल करार देते हुए पेंटागन ने तालिबान के इस बयान से इनकार किया है कि नयी दिल्ली ने अफगानिस्तान में भारत की अधिक भूमिका संबंधी उनके आह्वान का विरोध किया.
पेंटागन के प्रेस सचिव जॉर्ज लिटिल ने कहा, ‘मैंने किसी भारतीय या किसी विशिष्ट सूची में यह बात नहीं सुनी. मेरी जानकारी में कोई विशिष्ट सूची नहीं बनायी गयी.’ उन्होंने यह बात तालिबान द्वारा सप्ताहांत में दिये गये एक दुर्लभ वक्तव्य के सिलसिले में पूछे गये सवाल के जवाब में कही.
तालिबान ने अफगानिस्तान में भूमिका बढ़ाने के पेनेटा के आह्वान का विरोध करने के लिए भारत की सराहना की है. लिटिल ने कहा, ‘मैं तालिबान के बयान पर सीधी प्रतिक्रया नहीं दूंगा, लेकिन मुझे यह स्पष्ट करना है कि भारत के साथ हमारी भावी सामरिक भागीदारी और भारतीयों के साथ हमारे सैन्य सहयोग को लेकर हमारे भारतीय भागीदार के साथ सकारात्मक बातचीत हुई।’
उन्होंने कहा, ‘हमने बेहद स्पष्ट रूप से संकेत दिया. मंत्री ने बेहद स्पष्टता से कहा कि भारत को अफगानिस्तान सहित क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है. हम भारतीयों के साथ काम करने को उत्सुक हैं. हमने इस बात को भी बेहद स्पष्ट किया. मैं इसे बेहद सफल यात्रा की श्रेणी में रखूंगा.’
लिटिल ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘भारतीय एएनएसएफ (अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बल) को प्रशिक्षित कर रहे हैं. इस प्रयास में उनके योगदान को लेकर हम अत्यंत कृतज्ञ हैं.’ तालिबान ने कहा था कि अफगानिस्तान के बारे में भारत के लिए पेनेटा की मंशा सूची पर भारतीयों का जवाब नकारात्मक था.
आतंकवादी संगठन ने एक बयान में कहा था, ‘उपरोक्त मंत्री अपने प्रयासों में कोई सफलता या प्रगति के बिना खाली हाथ काबुल के लिए रवाना हुआ. उन्होंने भारत में तीन दिन बिताये ताकि अपने कंधों का भारी बोझ उठाया जा सके, निकासी हो सके और अफगानिस्तान से भागा जा सके.’
तालिबान ने कहा, ‘कुछ विश्वस्त मीडिया सूत्रों ने कहा कि भारतीय अधिकारियों ने उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया और अपनी आपत्तियां जतायी क्योंकि भारतीय जानते हैं या उन्हें जानना चाहिए कि अमेरिकियों के निहित स्वार्थ हैं. उनका अपनी वफादारी बदलने का लंबा इतिहास और अनुभव है.’