देश की बिगड़ती आर्थिक हालत ने आम लोगों के अलावा उद्योगपतियों की भी चिंताएं बढ़ा दी हैं. विप्रो प्रमुख अजीम प्रेमजी और इन्फोसिस के एन नारायण मूर्ति ने सरकार पर निशाना साधा है.
विप्रो के अध्यक्ष अजीम प्रेमजी ने कहा है कि भारत का कामकाज बिना नेतृत्व के चल रहा है. अजीम प्रेमजी ने कहा है कि अगर यही हाल रहा, तो अपना देश सालों पीछे चला जाएगा. देश के प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनियों में से एक विप्रो के प्रमुख प्रेमजी अजीम ने पहले भी सरकार के नेतृत्व को लेकर सवाल उठाए थे. प्रेमजी ने पिछले साल अक्टूबर में भी देश के शासन प्रणाली की आलोचना की थी. उन्होंने चेताया था कि सरकार में शामिल नेता निर्णय लेने में सक्षम नहीं हैं, जिसका खामियाजा देश को भुगतना पड़ सकता है.
इन्फोसिस के प्रमुख रहे नारायण मूर्ति ने कहा है कि सरकार की नीतियों के कारण हिन्दुस्तान की साख गिरी है. सरकार कोई ठोस कदम उठाने की स्थिति में नहीं दिखती और यह देश के लिए ठीक नहीं है.
इन्फोसिस के पूर्व प्रमुख एन नारायण मूर्ति ने भी केंद्र की संप्रग सरकार और खासतौर पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि हमें विश्वास था कि आर्थिक विकास के लिए सरकार सभी आवश्यक कदम उठाएगी क्योंकि हमारे देश के मौजूदा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ही 1991 में आर्थिक सुधारों को लागू किया था. उनकी वजह से ही दूसरे देशों को भी हमसे काफी उम्मीदें थीं.
उन्होंने कहा है कि पिछले तीन चार माह से भारत की छवि पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. एक भारतीय होने के कारण वह काफी दुखी हैं.
उधर बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि सरकार की नीतियों के कारण उद्योग जगत में निराशा व्याप्त है. इन सबके लिए सरकार ही जिम्मेदार है.
कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा है कि जब प्रेमजी अजीम और नारायण मूर्ति जैसे लोगों को फायदा हो रहा था तो यही लोग सरकार की तारीफ कर रहे थे, लेकिन जब मुनाफा कम होने लगा, तो वो लोग सरकार का ही विरोध करने लगे.