आईसीसी के पूर्व अध्यक्ष एहसान मनि का मानना है कि भारत खेलों में भ्रष्टाचार से निबटने में अहम भूमिका निभा सकता है. उन्होंने क्रिकेट से इस गंदगी को दूर करने के लिये दुनिया भर के क्रिकेट बोर्ड से अपनी सरकारों के साथ मिलकर काम करने का आग्रह भी किया.
मनि ने कहा कि इस मामले में आईसीसी की भूमिका सीमित है और भारत अपने देश में सट्टेबाजी को वैध बनाकर इसमें अहम भूमिका निभा सकता है.
उन्होंने कहा, उनके (आईसीसी) के पास किसी देश में स्टिंग आपरेशन करने का अधिकार नहीं है इसलिए जिम्मेदारी निजी बोर्डों की होनी चाहिए. मुख्य समस्या उपमहाद्वीप के अवैध सट्टेबाज हैं. इनमें से अधिकतर भारत और कुछ पाकिस्तान से हैं. वे ऐसे क्षेत्र में काम करते हैं जहां कोई नियंत्रण और निगरानी नहीं है.’
मनि ने कहा, ‘यह समस्या तब तक समाप्त नहीं होगी जब तक कि भारत सरकार सट्टेबाजी को वैध नहीं कर देती. मैंने देखा कि ईसीबी ने चिंता दिखायी और खिलाड़ियों से पूछा कि वेस्टफील्ड को सजा दिये जाने के बाद वे क्या जानते हैं. मैं समझता हूं कि क्रिकेट को साफ सुथरा बनाने के लिये सदस्य देशों को अपनी सरकारों के साथ मिलकर काम करना चाहिए.’
रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले साल मोहाली में खेला गया विश्व कप सेमीफाइनल मैच फिक्स था. मनि ने कहा कि इस बुराई को समाप्त करने के लिये इसे जड़ से ही मिटाना होगा.
उन्होंने कहा, ‘हर बार क्रिकेटरों को सजा होती है जबकि उन्हें फंसाने वालों को कभी सजा नहीं मिलती है.’ उन्होंने कहा, ‘उम्मीद की जा रही है कि तीन पाकिस्तानी और एक इंग्लिश क्रिकेटर को सजा मिलने से कड़ा संदेश जाएगा और खिलाड़ी भयभीत होंगे लेकिन इससे हल नहीं निकलेगा. इसे जड़ से समाप्त कराना जरूरी है.’