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डॉलर के मुकाबले रुपया में 1.18 फीसदी की गिरावट

भारतीय मुद्रा रुपये की कीमत कमजोर वैश्विक रुझानों के बीच देश की अर्थव्यवस्था के बारे में खराब अनुमानों और बढ़ते राजकोषीय घाटे के कारण बुधवार को डॉलर के मुकाबले गिरकर रिकार्ड 54.42 पर आ गई. बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में 1.18 फीसदी की गिरावट आई और यह 54.42 पर आ गया जो अब तक का निम्न स्तर है.

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भारतीय मुद्रा रुपये की कीमत कमजोर वैश्विक रुझानों के बीच देश की अर्थव्यवस्था के बारे में खराब अनुमानों और बढ़ते राजकोषीय घाटे के कारण बुधवार को डॉलर के मुकाबले गिरकर रिकार्ड 54.42 पर आ गई. बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में 1.18 फीसदी की गिरावट आई और यह 54.42 पर आ गया जो अब तक का निम्न स्तर है.
इससे पहले दिसंबर में डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 54.30 तक आ गई थी, जो अब तक का निम्न स्तर था. बाजार में भारतीय रिवर्ज बैंक के हस्तक्षेप के बाद भी रुपये की कीमत में गिरावट जारी है.
रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह निर्यातकों से कहा था कि वे अपने विदेशी पूंजी में से कम से कम 50 फीसदी राशि को रुपये में तब्दील करें. रिजर्व बैंक के इस कदम से करीब तीन अरब डॉलर के विदेश मुद्रा विशेषकर अमेरिकी डॉलर को रुपये में बदले जाने का अनुमान है.
रिवर्ज बैंक सितंबर 2011 के बाद से अब तक रुपये की कीमत में गिरावट को रोकने के लिए 20 अरब डॉलर खर्च कर चुका है. मार्च से अब तक डॉलर के मुकाबले रुपये में करीब 10 फीसदी की गिरावट आ चुकी है जो प्रमुख एशियाई मुद्राओं में सबसे बड़ी गिरावट है.
रुपये में देश की चालू खाता और वित्तीय घाटा से सम्बंधित चिंता के कारण गिरावट आई. धीमे आर्थिक विकास, उच्च महंगाई और नीतिगत असमंजस की धारणा के कारण भी रुपये में गिरावट रही.
विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा लगातार की जा रही बिकवाली के कारण भारतीय शेयर बाजारो के प्रमुख सूचकांकों में भी डेढ़ फीसदी से अधिक की गिरावट देखी गई.
बम्बई स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स बुधवार को तेज गिरावट के साथ 16,000 की सीमा से नीचे तक पहुंच गया, हालांकि बाद में यह कारोबारी सत्र के आखिरी क्षणों में 303.10 अंकों की गिरावट के साथ 16,025.15 पर देखा गया.

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