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किंग्सटन टेस्ट: भारत ने वेस्‍टइंडीज को 63 रनों से हराया

दुनिया की नंबर वन टेस्ट टीम भारत ने चैंपियन की तरह टेस्ट मैच चौथे दिन ही जमैका टेस्ट 63 रनों से जीत लिया. इसके साथ ही टीम इंडिया ने 3 टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है.

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जमैका टेस्ट जीता भारत
जमैका टेस्ट जीता भारत

दुनिया की नंबर एक टीम भारत ने अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए वेस्टइंडीज को पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में चौथे दिन ही 63 रन से शिकस्त दी. भारत इस जीत से तीन मैचों की श्रृंखला में 1-0 से आगे हो गया.

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वेस्टइंडीज के सामने जीत के लिये 326 रन का लक्ष्य था. उसने तीसरे दिन शीर्ष क्रम के तीन विकेट गंवा दिये और चौथे दिन उसकी पारी लंच के कुछ देर बाद 262 रन पर सिमट गयी. भारत ने सुबह के सत्र में 6 विकेट निकाल दिये थे लेकिन पुछल्ले बल्लेबाजों ने गेंदबाजों को काफी सताया. वेस्टइंडीज के आखिरी तीन बल्लेबाजों ने कुल मिलाकर 75 रन बनाये लेकिन इससे वह हार का अंतर ही कम कर पाये.

लंच के समय भारत को जीत के लिये एक विकेट चाहिए था लेकिन दूसरे सत्र में उसे यह विकेट आसानी से नहीं मिला. आखिर में जैसे ही सुरेश रैना की गेंद पर देबेंद्र बिशू बोल्ड हुए, इस मैच के नायक राहुल द्रविड़ (मैन ऑफ द मैच) ने यादगार के तौर पर स्टंप उखाड़ दिया.

द्रविड़ ने दूसरी पारी में विषम परिस्थतियों में 112 रन की बेशकीमती पारी खेली थी. भारत को पहली पारी में 73 रन की बढ़त मिली थी और दूसरी पारी में 252 रन बनाने से वह वेस्टइंडीज के सामने मुश्किल लक्ष्य रखने में सफल रहा. भारत ने पहली पारी में 246 रन बनाये और फिर वेस्टइंडीज को 173 रन पर आउट कर दिया था.

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भारत की यह कैरेबियाई सरजमीं पर पांचवीं, वेस्टइंडीज के खिलाफ 12वीं और टेस्ट मैचों में कुल 110वीं है. महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत की यह 15वीं जीत है और इस तरह से वह सौरव गांगुली के बाद भारत के दूसरे सबसे सफल कप्तान बन गये हैं. भारत ने कैरेबियाई धरती पर पहली बार लगातार दो टेस्ट मैच जीते. उसने 2006 की श्रृंखला का आखिरी मैच 49 रन से जीता था. संयोग से यह मैच भी सबीना पार्क पर खेला गया था.

वेस्टइंडीज ने सुबह तीन विकेट पर 131 रन से आगे खेलना शुरू किया लेकिन जल्द ही यह स्कोर छह विकेट पर 150 रन हो गया. प्रवीण ने भारत को आज स्वर्णिम शुरुआत दिलायी. उन्होंने दिन के छठे ओवर में ही युवा डेरेन ब्रावो (41) को आउट करने के बाद अनुभवी शिवनारायण चंद्रपाल (30) को पवेलियन की राह दिखाकर भारत को जीत के करीब पहुंचा दिया था.

प्रवीण को पिच से पर्याप्त मूवमेंट मिल रहा था. उनकी इस तरह की शार्ट लेंग्थ गेंद को खेलने के लिये ब्रावो ने अपना लेग स्टंप खाली छोड़ दिया. प्रवीण की गेंद उन्हें पूरी तरह से छकाकर लेग स्टंप उखाड़ गयी. उत्तर प्रदेश के इस गेंदबाज ने अगले ओवर में चंद्रपाल का विकेट लेकर स्थानीय दर्शकों को मायूस कर दिया.

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चंद्रपाल का भारत के खिलाफ शानदार रिकार्ड रहा है लेकिन प्रवीण इस कैरेबियाई दीवार को भी तोड़ने में सफल रहे. चंद्रपाल ने अपना शाट लेने में जल्दबाजी दिखायी और कवर पर खड़े सुरेश रैना को कैच का अ5यास करके पवेलियन लौट गये.

अब हरभजन की बारी थी जिन्होंने विकेटकीपर बल्लेबाज कार्लटन बॉ को जन्मदिन का जश्न नहीं मनाने दिया. ‘बर्थ डे ब्वाय’ बॉ भारतीय आफ स्पिनर की फ्लाइट को नहीं समझ पाये और लेग स्लिप में विराट कोहली को आसान कैच दे बैठे. अगली गेंद पर कप्तान डेरेन सैमी के खिलाफ कैच की जोरदार अपील की गयी लेकिन अंपायर डेरेल हार्पर ने इसे ठुकरा दिया.

जब मिश्रा गेंदबाजी के लिये आये तो लांग आफ, लांग आन, डीप मिडमिकेट, डीप स्क्वायर लेग पर क्षेत्ररक्षण सजा दिया गया. सैमी ने मिश्रा की पहली गेंद को ही सबक सिखाने की कोशिश लेकिन वह पूरी तरह से उनके बल्ले पर नहीं आयी और एक्स्ट्रा कवर में वीवीएस लक्ष्मण के सुरक्षित हाथों में चली गयी. सैमी ने 11 गेंद पर 25 रन बनाये.

ब्रैंडन नैश (नौ रन) काफी रक्षात्मक रवैया अपनाये हुए थे लेकिन मिश्रा ने अगले ओवर में उनकी एकाग्रता भी भंग कर दी. नैश गेंद को पुल करने से चूक गये और विकेट के आगे होने के कारण अंपायर को उन्हें एलबीडब्ल्यू आउट देने में कोई दिक्कत नहीं हुई.

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पुछल्ले बल्लेजों ने भारत का जीत का इंतजार बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. रवि रामपाल ने 32 गेंद पर छह चौकों और एक छक्के की मदद से 34, देबेंद्र बिशू ने 26 और फिदेल एडवर्डस ने नाबाद 16 रन बनाये.

रामपाल को इशांत ने आउट किया. उनकी शार्ट पिच गेंद रामपाल के दस्ताने को चूमकर विकेट के पीछे गयी और धोनी ने हवा में उछलकर एक हाथ से उसे कैच में बदल दिया. रामपाल हालांकि फैसले से खुश नहीं थे क्योंकि यह ओवर का तीसरा बाउंसर था और इसे नोबाल होना चाहिए था.

बिशू और एडवर्डस ने अंतिम विकेट के लिये 39 रन जोड़े. इस जोड़ी को तोड़ने के लिये धोनी को आखिर में रैना को बुलाना पड़ा. बिशू ने उनकी गेंद सुरक्षात्मक तरीके से खेल ली थी लेकिन वह तब भी उनके दोनों पांव के बीच से निकलकर विकेटों में समा गयी.

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