अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे रविचंद्रन अश्विन की बलखाती गेंदों के चमत्कार से वेस्टइंडीज को सस्ते में समेटने वाले भारत ने तीसरे दिन महाशतक की दहलीज पर खड़े सचिन तेंदुलकर और श्रीमान भरोसेमंद राहुल द्रविड़ के सहारे पहला टेस्ट मैच जीतने की तरफ मजबूत कदम बढ़ा दिये.
पहले दिन चंद्रपॉल के शतक ने संभाली विंडीज पारी
अश्विन ने भारत की तरफ से पदार्पण टेस्ट में दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 47 रन देकर छह विकेट लिये जिससे वेस्टइंडीज अपनी दूसरी पारी में 180 रन पर ढेर हो गया. पहली पारी में 95 रन से पिछड़ने वाले भारत को इस तरह से 276 रन का लक्ष्य मिला और उसने तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक दो विकेट पर 152 रन बना लिये. भारत को अब जीत के लिये 124 रन की दरकार है जबकि आज टेस्ट क्रिकेट में 15 हजार रन पूरे करने वाले तेंदुलकर (नाबाद 33) अपने महाशतक से 67 रन दूर है.
दूसरे दिन रहा वेस्टइंडीज का दबदबा...
सचिन अब कल 100वां अंतरराष्ट्रीय शतक जमाकर भारत को जीत का तोहफा देने के लक्ष्य के साथ क्रीज पर उतरेगा. उनके साथ दूसरे छोर पर द्रविड़ 30 रन पर खेल रहे हैं. ये दोनों अब तक 57 रन की साझेदारी कर चुके हैं. वैसे वीरेंद्र सहवाग ने तेजतर्रार 55 रन बनाकर भारत के लक्ष्य हासिल करने की धमाकेदार नींव रखी थी. उन्होंने गौतम गंभीर (22) के साथ 51 रन जोड़े. कोटला के विकेट पर गेंद अब भी धीमी और थोड़ा नीचे रह रही है लेकिन तेंदुलकर और द्रविड़ ने अभी तक ढीली गेंदों का इंतजार करके चतुराई से रन बटोरे और कल भी टीम उनसे इसी तरह की बल्लेबाजी की उम्मीद करेगी.
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गंभीर और सहवाग ने भारत की सकारात्मक शुरुआत दिलायी. सहवाग को 12 रन के निजी योग पर जीवनदान भी मिला. तीसरे सत्र के शुरू में गंभीर ने फिदेल एडवर्डस पर चौका जमाया और सहवाग ने सैमुअल्स की गेंद एक्स्ट्रा कवर पर छक्के के लिये भेजी. सैमुअल्स ने हालांकि इसी ओवर में तेज फ्लाइटेड गेंद पर गंभीर को पगबाधा आउट करके भारत को पहला झटका दिया.
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सहवाग हमेशा की तरह अपने बेपरवाह अंदाज में बल्लेबाजी की. सैमी उनके सामने देवेंद्र बिशू को गेंद सौंपने से बचते रहे लेकिन जब 16वें ओवर में उन्हें इस लेग स्पिनर को आक्रमण पर लगाया तो सहवाग ने लांग आन पर छक्का जड़कर कैरेबियाई कप्तान का डर सही साबित कर दिया. दिल्ली के इस बल्लेबाज ने अगले ओवर में एक रन के लेकर अपना 29वां और इस मैच का दूसरा अर्धशतक पूरा किया लेकिन पहली पारी की तरह वह उसे शतक में तब्दील नहीं कर पाये. सैमी की विकेट टू विकेट की गयी गेंद सहवाग के बल्ले का किनारा लेकर विकेट उखाड़ गयी. उन्होंने अपनी पारी में पांच चौके और दो छक्के जमाये.
इससे पहले उमेश यादव ने किर्क एडवर्डस (33) का ऑफ स्टंप तीन मीटर दूर भेजकर अपना पहला टेस्ट विकेट लिया और बाद में कार्लटन बॉ (7) को विकेट के पीछे कैच देने के लिये मजबूर किया. इसके बीच में अश्विन एक ओवर में दो विकेट लिये. ब्रावो (12) शुरू में मिले जीवनदान का फायदा नहीं उठा पाये और अश्विन की राउंड द विकेट से की गयी गेंद पर पगबाधा हो गये. इस ऑफ स्पिनर ने इसी ओवर में बेहतरीन नियंत्रण से की गयी कैरम बाल ने सैमुअल्स (शून्य) का ऑफ स्टंप उखाड़ा.
चंद्रपाल ने शुरू से तेजी से रन जुटाने की रणनीति अपनायी लेकिन अश्विन के जलवे के सामने वह भी अर्धशतक पूरा करने से पहले पवेलियन लौट गये. अश्विन लंच के बाद चंद्रपाल के लिये ओवर द विकेट गेंदबाजी करने के लिये आये और हल्का टर्न लेती गेंद पर उन्हें पगबाधा आउट करके भारत को सबसे कीमती विकेट दिला गये. चंद्रपाल ने 58 गेंद पर सात चौकों की मदद से 47 रन बनाये तथा कप्तान डेरेन सैमी के साथ आठवें विकेट के लिये 40 रन जोड़े.
सैमी (42) ने आक्रामक अंदाज अपनाये लेकिन पांच चौके और एक छक्का लगाकर जब वह अपने दूसरे अर्धशतक की तरफ बढ़ रहे थे तभी अश्विन की कैरम बाल उन्हें चकमा देकर विकेटों में समा गयी. अश्विन इस तरह से अपने पदार्पण मैच में ही पांच विकेट लेने वाले भारत के सातवें गेंदबाज बन गये. इसके बाद उन्होंने रामपाल (18) को भी आउट करके पदार्पण मैच की एक पारी में भारत की तरफ से तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया.