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चंद्रपाल के शतक से मैच ड्रा पर भारत ने रचा इतिहास

शिवनरायण चंद्रपाल के नाबाद जुझारू शतक की बदौलत वेस्टइंडीज तीसरे और अंतिम टेस्ट में भारत को बराबरी पर रोकने में सफल रहा लेकिन इसके बावजूद महेंद्र सिंह धोनी की टीम 1-0 से श्रृंखला जीतकर इतिहास रचने में सफल रही.

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शिवनरायण चंद्रपाल
शिवनरायण चंद्रपाल

शिवनरायण चंद्रपाल के नाबाद जुझारू शतक की बदौलत वेस्टइंडीज तीसरे और अंतिम टेस्ट में भारत को बराबरी पर रोकने में सफल रहा लेकिन इसके बावजूद महेंद्र सिंह धोनी की टीम 1-0 से श्रृंखला जीतकर इतिहास रचने में सफल रही.

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चंद्रपाल की 343 गेंद में पांच चौकों की मदद से नाबाद 116 रन की पारी की बदौलत मेजबान टीम दूसरी पारी में 322 रन बनाने में सफल रही जिससे भारत को 180 रन का लक्ष्य मिला. चंद्रपाल ने इसके अलावा फिडेल एडवर्डस (30) के साथ नौवें विकेट के लिए 37 ओवर में 65 रन की बेशकीमती साझेदारी करके टीम इंडिया को जीत से महरूम कर दिया. वेस्टइंडीज ने पहली पारी में 204 रन बनाये थे जिसके जवाब में भारत ने 347 रन का स्कोर खड़ा किया.

भारत के पास 47 ओवर में लक्ष्य को हासिल करने का मौका था लेकिन धोनी की टीम ने इसे हाथ से निकल जाने दिया. भारत का स्कोर जब 32 ओवर में तीन विकेट पर 94 रन पर था तब अनिवार्य ओवर खत्म होने के बाद दोनों कप्तान धोनी और डेरेन सैमी मैच बराबरी पर समाप्त करने के लिए राजी हो गये. इस समय राहुल द्रविड़ 34 जबकि वीवीएस लक्ष्मण तीन रन बनाकर खेल रहे थे.

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यह पहला मौका है जबकि भारत पहली बार वेस्टइंडीज में लगातार दो श्रृंखला जीतने में सफल रहा है. भारत ने इससे पहले 2006 में वेस्टइंडीज के पिछले दौरे में भी राहुल द्रविड़ की अगुआई में चार टेस्ट की श्रृंखला 1-0 से जीती थी. टीम इंडिया ने कैरेबिया में अब तक खेली 10 टेस्ट श्रृंखलाओं में से सात गंवाई है जबकि तीन में उसे जीत मिली है.

धोनी ने भी इसके साथ अपनी कप्तानी में टेस्ट श्रृंखला में अजेय अभियान जारी रखा. भारत ने धोनी की कप्तानी में अब तक खेली 11 श्रृंखलाओं में से आठ में जीत दर्ज की जबकि तीन श्रृंखला बराबरी पर छूटी. लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत काफी खराब रही और उसने पारी की पहली ही गेंद पर ही सलामी बल्लेबाज अभिनव मुकुंद का विकेट गंवा दिया जो फिडेल एडवर्डस की गेंद पर पगबाधा आउट हुए.

मुरली विजय (45) और द्रविड़ ने इसके बाद 73 रन जोड़कर पारी को संवारने का जिम्मा संभाला. श्रृंखला में अब तक विफल रहे विजय ने मैच में पहली बार गेंदबाजी पर उतरे रवि रामपाल की पहली गेंद को चार रन के लिए भेजकर खाता खोला. उन्होंने इस गेंदबाज के अगले ओवर में एक और चौका जड़ा. रामपाल तकलीफ के कारण पहली पारी में गेंदबाजी नहीं कर पाये थे.

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द्रविड़ ने सतर्क होकर बल्लेबाजी की जबकि विजय ने स्वच्छंद होकर बल्लेबाजी की. विजय ने वेस्टइंडीज के कप्तान डेरेन सैमी पर भी दो चौके मारे जबकि द्रविड़ ने देवेंद्र बीशू का स्वागत चार रन के साथ किया. इन दोनों की साझेदारी के दौरान टीम जीत की ओर बढ़ती दिख रही थी.

विजय हालांकि जब श्रृंखला में अपने पहले अर्धशतक की ओर बढ़ रहे थे तो वह रामपाल की आफ स्टंप के बाहर की गेंद को लेग साइड में खेलने के प्रयास में हवा में लहरा गये और बीशू ने गोता लगाते हुए उनका बेहतरीन कैच लपका. उन्होंने 78 गेंद की अपनी पारी में चार चौके मारे.

धोनी ने रन गति तेज करने के लिए सुरेश रैना (08) को चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतारा लेकिन रामपाल ने जल्द ही उनकी पारी का अंत कर दिया. इसके बाद लक्ष्मण के मैदान पर उतरने के साथ तय हो गया कि भारत टेस्ट ड्रा करके श्रृंखला जीतने में भी खुश है.

इससे पहले भारत की ओर से हरभजन सिंह ने 75 रन देकर चार विकेट चटकाये. सुरेश रैना ने 32 जबकि प्रवीण कुमार ने 44 रन देकर दो दो विकेट हासिल किये. छह विकेट पर 224 रन से आगे खेलने उतरे वेस्टइंडीज के कप्तान डेरेन सैमी (17) ने दिन के पहले ओवर में ही इशांत शर्मा पर दो चौके जड़े. चंद्रपाल और सैमी की जोड़ी हालांकि इसके बाद विश्वसनीय शाट नहीं खेल पाई. दिन का 10वां ओवर वेस्टइंडीज के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहा जिसमें टीम को दोहरा झटका लगा. हरभजन ने पहले सैमी को शार्ट लेग पर अभिनव मुकुंद के हाथों कैच हराया जबकि दो गेंद बाद रवि रामपाल भी रन आउट होकर पवेलियन लौट गये. टीवी रीप्ले में हालांकि लगा कि गेंद सैमी के बल्ले से नहीं टकराई थी जबकि रामपाल के बेल्स धोनी के दस्तानों से गिरे थे.

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चंद्रपाल ने इसके बाद फिडेल एडवर्डस नौवें विकेट के लिए अहम साझेदारी करके टीम की बढ़त को 150 रन के पार पहुंचाया. बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने इस बीच इशांत शर्मा की गेंद पर दो रन के साथ 265 गेंद में पांच चौकों की मदद से अपने कैरियर का 23वां और भारत के खिलाफ छठा टेस्ट शतक पूरा किया.

चंद्रपाल और फिडेल एडवर्डस ने लंच के बाद के सत्र में भी भारतीय गेंदबाजों को एक घंटे से अधिक समय तक विकेट से महरूम रखा. इस बीच फिडेल एडवर्डस के धर्य ने उनका साथ छोड़ दिया और वह कामचलाउ गेंदबाज रैना की गेंद को उठाकर मारने की कोशिश में लांग आफ पर प्रवीण कुमार को आसान कैच दे बैठे. उन्होंने 106 का सामना करते हुए दो चौके जड़े.

रैना ने इसके बाद अपने अगले ओवर में बीशू को पहली स्लिप राहुल द्रविड़ के हाथों कैच कराकर वेस्टइंडीज की पारी का अंत किया.

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