दुनिया के पूर्व नंबर एक मुक्केबाज विजेंदर सिंह समेत भारतीय मुक्केबाज गुरुवार से कजाखस्तान के अस्ताना में शुरू हो रहे एशियाई क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के जरिये लंदन ओलंपिक का टिकट कटाने की पूरी कोशिश करेंगे.
भारतीय मुक्केबाजों के लिये यह आखिरी मौका है जिसमें 27 देशों के 130 से अधिक मुक्केबाज भाग ले रहे हैं.
भारतीयों को इस टूर्नामेंट में पूरी तरह से आक्रामक तेवर लेकर उतरने की ताकीद की गई है. इससे ओलंपिक के 25 एशियाई स्लॉट का निर्धारण होगा. भारत के चार मुक्केबाज एल देवेंद्रो सिंह (49 किलो), जय भगवान (60 किलो), मनोज कुमार (64 किलो) और विकास कृष्णन (69 किलो) अजरबैजान में पिछले साल हुई विश्व चैंपियनशिप के जरिये ओलंपिक में जगह बना चुके हैं.
पटियाला में तीन महीने से अधिक के अभ्यास कर रहे छह भारतीय टूर्नामेंट के लिये पूरी तरह तैयार हैं. नई स्कोरिंग प्रणाली को देखते हुए कोच गुरबख्श सिंह संधू ने उन्हें आक्रामक होकर खेलने के लिये कहा है.
संधू ने टीम की रवानगी से पहले कहा, ‘खिलाड़ियों को सजग होकर खेलने के लिये कहा गया है. उन्हें यह भी कहा गया है कि जितने हो सके, उतने घूंसे बरसाये ताकि जज आक्रामकता देख सके. अब मुकाबले काफी हाई स्कोरिंग हो गए हैं लिहाजा यह जरूरी है.’
भारत की संभावना के बारे में पूछने पर क्यूबाई कोच ब्लास इग्लेसियास फर्नांडिस ने कहा कि कम से कम दो भारतीयों को लंदन का कोटा मिलना चाहिये. फर्नांडिस ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि कम से कम दो भारतीय कोटा हासिल करेंगे. यदि तीन ऐसा कर सके तो बहुत अच्छा होगा.’
क्वालीफायर में भाग ले रहे भारतीयों में ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप कांस्य पदक विजेता विजेंदर सिंह भी हैं जो पहले क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के पहले दौर में ही बाहर हो गए थे.
उनके मिडिलवेट (75 किलो) वर्ग में चार कोटा सुरक्षित हैं और उन्हें कट में प्रवेश का यकीन है.
संधू ने कहा, ‘विजेंदर समेत सभी लड़कों ने काफी मेहनत की है. मुझे यकीन है कि विजेंदर क्वालीफाई कर लेगा.’ वहीं 52 किलो वर्ग में भारत की चुनौती सुरंजय सिंह पेश करेंगे जिन्होंने 2010 में सात स्वर्ण पदक जीते थे.
टीम: सुरंजय एस मायेंगबम (52 किलो), शिवा थापा (56 किलो), विजेंदर सिंह (75 किलो), सुमित सांगवान (81 किलो), मनप्रीत सिंह (91 किलो), परमजीत समोटा (प्लस 91 किलो).