अभिज्ञान और ऐश्वर्या को फिर से उनके माता-पिता तक पहुंचने का सपना अब हकीकत का रूप लेने लगा है. भारत से लेकर नॉर्वे तक हो रही है इंसाफ की मांग. मांग ये कि जल्द से जल्द इन बच्चों को लौटाओ इनका प्यार. इनका घर इनके माता-पिता के पास.
नॉर्वे में भारतीय दंपति से उसके दोनों बच्चे छीने जाने की घटना पर भारत सराकर ने नॉर्वे सरकार से कड़ी आपत्ति जताई है. पूरे मामले में सबसे खौफनाक है नॉर्वे की अदालत का आदेश.
इस आदेश में कहा गया है कि दोनों बच्चे 18 साल की उम्र तक नॉर्वे के ही अलग-अलग बाल-संरक्षण गृह में रहेंगे. साल में सिर्फ एक बार एक घंटे के लिए माता-पिता को बच्चों से मिलने की इजाजत होगी. और अगर माता-पिता अलग हो जाएं, तो बच्चों की जिम्मेदारी पिता को मिलेगी.
मुश्किल इतनी ही भर नहीं है. मार्च के महीने में बच्चों के माता-पिता का वीजा खत्म हो रहा है. मां-बाप से बच्चों के अलग हुए 8 महीने से ज्यादा हो चुके हैं. हैरानी है कि अब जब मामला सियासी गलियारों से लेकर राष्ट्रपति तक पहुंचा तब जाकर भारत सरकार ने कोशिशें तेज की है.
गौरतलब है कि ‘नार्वेयन चाइल्ड वेलफेयर सर्विस’ ने एक स्थानीय अदालत के निर्देश पर एक साल की ऐश्वर्या और तीन साल के अभिज्ञान को उनके वास्तविक अभिभावकों (प्रवासी भारतीय अनुरूप व सागरिका भट्टाचार्य) से अलग कर पोषक अभिभावकों को सौंप दिया है. इन्हें अभिभावकों के साथ भावनात्मक अलगाव का हवाला देकर अलग किया गया.