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पेट्रोल के दामों में कटौती का फैसला टला

सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने पेट्रोल कीमतों में कटौती से पहले अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य पर देखो और इंतजार करो की नीति अपनाई हुई है. साथ ही उनकी निगाह रुपये और डालर की दरों पर भी है.

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सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने पेट्रोल कीमतों में कटौती से पहले अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य पर देखो और इंतजार करो की नीति अपनाई हुई है. साथ ही उनकी निगाह रुपये और डालर की दरों पर भी है.

सार्वजनिक क्षेत्र की तीन पेट्रोलियम कंपनियों में से एक के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि यूनान का चुनाव अब पीछे छूट गया है लेकिन फिच द्वारा रेटिंग घटाए जाने से डालर की तुलना में रुपया काफी कमजोर हुआ है. बाजार में काफी उतार-चढ़ाव है. अभी हम स्थिति को देख रहे हैं.

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को 15 जून को पेट्रोल कीमतों में संशोधन करना था, पर उन्होंने इसे कुछ दिन के लिए टाल दिया. इन कंपनियों ने फैसला किया कि वे कुछ समय तक स्थिति को देखेंगी.

अधिकारी ने कहा कि पेट्रोल कीमतों में कोई संशोधन नहीं होगा. हम अगले एक-दो दिन स्थिति को देखने के बाद निर्णय लेंगे. पेट्रोलियम कंपनियों ने 3 जून को पेट्रोल के दाम में आंशिक रूप से 2.02 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी. इससे पहले पिछले महीने पेट्रोल के दाम में 7.54 रुपये प्रति लीटर की भारी भरकम वृद्धि की गई थी.

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