भारतीय मूल के एक हृद्य रोग विशेषज्ञ को अदालत ने दस साल के लिए यौन अपराध उपचार कार्यक्रम में शामिल होने की हिदायत दी है. इस डाक्टर पर आरोप है कि उसने अपनी महिला सहकर्मियों की तस्वीरें रिकार्ड करने के लिए बाथरूम में स्पाई कैमरे लगा रखे थे.
33 वर्षीय विवेक बालिगा को लीड्स क्राउन कोर्ट में पेश किया गया जहां जज स्काट वोल्सटेनहोम ने उन्हें बताया कि उन्हें तीन साल के लिए समुदाय की सेवा में लगाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि बालिगा का व्यवहार ऐसा है जिसकी हर कोई आलोचना और निंदा करेगा.
इसके साथ ही जज ने कहा कि बालिगा को किसी भी पीड़िता से संपर्क करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है और न ही वे ऐसे किसी उपकरण का इस्तेमाल करेंगे जिससे तस्वीरें रिकार्ड की जा सकती हों. डेली मेल में यह खबर प्रकाशित हुई है.
लीड्स में डाक्टरेट कर रहे बालिगा को तीन अपराधों में दोषी पाया गया है.
सरकारी वकील कार्मेल पियर्सन ने बताया कि डाक्टर की दोनों महिला मित्र उसे अपना करीबी दोस्त मानती थीं. दोनों इस डाक्टर को अपने सामाजिक समूह का हिस्सा मानती थीं और उन्होंने उसे अपने घर आने की अनुमति दी.
एक महिला मित्र एक दिन उसके घर गयी और उसके बाथरूम में जब वह नहा रही थी तो उसने पाया कि वहां एक वीडियो कैमरा लगा है.
डाक्टर के वकील रिचर्ड रीड ने कहा कि उनका मुवक्किल अच्छे चरित्र का इंसान रहा है और उसे अपने किए पर भारी पछतावा है.