भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने शनिवार को कहा कि आने वाला वर्ष राष्ट्रीय राजनीति में निश्चित रूप से बड़े बदलावों वाला होगा. उनका मानना है कि नए साल में राजनीति की दिशा तय करना भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के हाथों में होगा.
वर्ष 2011 की समाप्ति और नव वर्ष के आगमन के मौके पर आडवाणी ने एक संदेश में कहा, 'जैसा कि मैं भविष्य की ओर देखता हूं, मुझे इस बारे में कोई संदेह नहीं है कि वर्ष 2012 अपने गर्भ में राष्ट्रीय राजनीति में बड़े बदलावों को छिपाए हुए है.'
उन्होंने कहा, 'संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की गुरुवार को राज्यसभा में 'आधी रात को भाग खड़ी हुई सरकार' जैसा कि मेरे सहयोगी अरुण जेटली ने वर्णित किया है, उसने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की छवि एक कमजोर नेता के रूप में पेश की है.'
आडवाणी ने कहा कि नए वर्ष में भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) राजनीति की दिशा परिभाषित करेंगे.
राज्यसभा में लोकपाल विधेयक के लटकने को 'अप्रत्याशित' बताते हुए आडवाणी ने कहा कि सरकार ने अपना अपमान खुद किया कि क्योंकि प्रधानमंत्री की तरफ से जिम्मेदारी का आभासी लोप हो गया था.
उन्होंने कहा, 'लोकतंत्र के साथ जो धोखा हुआ उसका देश 29 दिसम्बर की रात गवाह बना. यह अप्रत्याशित था. ऐसे समय में जब भारत प्रधानमंत्री से एक ईमानदार पारदर्शी नेतृत्व की उम्मीद कर रहा था उस समय प्रधानमंत्री ने साजिशपूर्ण चुप्पी साध ली और सदन में जो कुछ हुआ उसके लिए मौन स्वीकृति दे दी.'
आडवाणी ने दोनों सदनों के नेताओं अरुण जेटली और सुषमा स्वराज की प्रशंसा करने के साथ ही वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे एवं बाबा रामदेव की भी सराहना की.