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धरती पर सबसे ज्‍यादा खुशहाल हैं भारतीय व इंडोनेशियाई

यूरोप और अमेरिका में जारी आर्थिक चिंताओं के बावजूद 2007 के मुकाबले दुनिया के लोग आज भी काफी खुशहाली महसूस करते हैं और सौरमंडल के इस ग्रह पृथ्वी पर इंडोनेशिया, भारत और मैक्सिको के लोग सबसे ज्यादा प्रसन्न हैं.

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यूरोप और अमेरिका में जारी आर्थिक चिंताओं के बावजूद 2007 के मुकाबले दुनिया के लोग आज भी काफी खुशहाली महसूस करते हैं और सौरमंडल के इस ग्रह पृथ्वी पर इंडोनेशिया, भारत और मैक्सिको के लोग सबसे ज्यादा प्रसन्न हैं. एक अध्ययन में यह परिणाम सामने आया है.

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वैश्विक अनुसंधान कंपनी आईपीएसओएस द्वारा किये गये अध्ययन के अनुसार दुनिया में आर्थिक चिंताओं और संघर्ष के बावजूद दुनिया आज भी वर्ष 2007 की तुलना में रहने के लिये सबसे बेहतर स्थल है. दुनियाभर में 22 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि वह ‘बहुत खुश’ हैं और ऐसा कहने वाले लोग इंडोनेशिया, भारत और मैक्सिको में ज्यादा हैं.

दुनिया के 24 देशों में यह सर्वेक्षण किया गया. 10 में से प्रत्येक 8 यानी 77 प्रतिशत ने कहा कि वह अपने जीवन से ‘खुश’ हैं. एक चौथाई (22 प्रतिशत) ने कहा कि वह ‘बहुत खुश’ हैं. खुश और बहुत खुश ही वह पैमाना है जिससे विभिन्न देशों में नागरिकों की खुशहाली में अंतर का पता चलता है. अध्ययन के अनुसार इंडोनेशिया में सबसे ज्यादा 51 प्रतिशत लोगों ने कहा वह प्रसन्न हैं.

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सर्वेक्षण में उन्होंने कहा वह ‘बहुत खुश’ हैं. इसके बाद भारत और मैक्सिको का स्थान आता है जहां 43 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि वह ‘बहुत खुश’ हैं. ब्राजील और तुर्की का इस मामले में तीसरा स्थान रहा है जहां 30 प्रतिशत लोगों ने अपनी खुशहाली का इजहार किया है.

आस्ट्रेलिया और अमेरिका प्रत्येक में 28 प्रतिशत लोगों ने ही कहा कि वह बहुत खुश हैं. स्पेन में 11 प्रतिशत और इटली में 13 प्रतिशत के बाद हंगरी में छह प्रतिशत, दक्षिण कोरिया में सात प्रतिशत और रूस में आठ प्रतिशत लोगों ने कहा है कि वे बहुत खुश हैं. बड़े भौगोलिक क्षेत्र के लिहाज से लातिन अमेरिका में बहुत खुश कहने वालों का प्रतिशत सबसे ज्यादा 32 रहा है, उसके बाद उत्तरी अमेरिका में 27 प्रतिशत लोगों ने यह प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

एशिया प्रशांत क्षेत्र, मध्यपूर्व और अफ्रीका महाद्वीप में 24 प्रतिशत ‘बहुत खुश’ लोग हैं. इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि यूरोप के नागरिकों की परेशानी ने ही दुनिया में बहुत खुश कहने वालों के औसत को कम रखा है. यूरोप में छह में से केवल एक व्यक्ति ने ही कहा है कि वह बहुत खुश है.

करीब 20,000 वयस्कों के बीच नवंबर 2011 के पहले पखवाड़े में किये गये सर्वेक्षण के अनुसार अन्य समूहों विशेषकर कुंवारों की तुलना में शादीशुदा लोग ज्यादा प्रसन्न लगते हैं. शादी के अलावा आयु, सामाजिक आार्थिक स्थिति भी लोगों के जीवन में अहम् भूमिका निभाती है. 35 से 49 वर्ष की उम्र वालों की तुलना में 35 तक की आयु के लोग ज्यादा है जो कहते हैं कि वह ‘बहुत खुश’ हैं. हालांकि, इनमें भी उच्च शिक्षा और अच्छी कमाई वाले लोग ज्यादा हैं जो बहुत खुश हैं.

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