देश के मिसाइल परीक्षण स्थल के नजदीक हरित शौचालय का शुभारंभ करते हुये केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने रविवार को कहा कि यदि स्वच्छता की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो अग्नि मिसाइल दागने का कोई फायदा नहीं है. रमेश ने कहा कि सरकार के समक्ष जो सबसे बड़ी समस्यायें हैं उनमें सभी लोगों को शौचालय मुहैया कराना है.
उन्होंने कहा कि यह अग्नि मिसाइल प्रक्षेपित करने से ज्यादा महत्वपूर्ण है, यदि शौचालय नहीं हैं तो अग्नि का कोई फायदा नहीं है. उन्होंने सुझाव दिया कि इन हरित शौचालयों का नाम ‘बापू’ रखा जाये जो महात्मा गांधी को एक श्रद्धाजंलि होगी. उन्होंने देश में स्वच्छता अभियान चलाया था.
रमेश ने कहा कि जैव शौचालय ग्रामीण स्वच्छता को बढ़ावा दे सकता है जो अग्नि मिसाइल ने देश की बाह्य रक्षा के लिये किया है. धमरा कस्बा ओडिशा के व्हीलर द्वीप समूह से 15 किलोमीटर दूर है जहां से कुछ महीने पहले अग्नि पांच मिसाइल का परीक्षण किया गया था.
उन्होंने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा मिसाइलों के अलावा आम नागरिकों विशेष ग्रामीणों की खातिर जैव शौचालय बनाने के लिये उसकी प्रशंसा की.
ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि डीआरडीओ ने एक हजार पंचायतों के लिये हरित शौचालय परियोजना विकसित की है. उन्होंने अपनी ओडिसा यात्रा के दौरान भद्रक जिले के धमरा में कहा कि इस तकनीक का लाभ यह है कि इसके जरिये लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाया जा सकता है और समुचित सफाई व्यवस्था से एक स्वस्थ जीवन में मदद मिलेगी.
रमेश ने कहा, डीआरडीओ मिसाइलें, विमान और अन्य हथियार प्रणाली विकसित करने पर अपना ध्यान केंद्रीत करती रही है और अब वह एक विशेष तकनीक का इस्तेमाल कर जैव शौचालय लायी है. उन्होंने कहा कि जितना धन सुरक्षा पर खर्च किया जाता है उतनी ही धनराशि जन कल्याण गतिविधियों पर खर्च की जानी चाहिये.