तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने बुधवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि 12वीं कक्षा की एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तक से हिंदी विरोधी आंदोलन के बारे में कार्टून हटाया जाए, क्योंकि यह कार्टून पेरियार, सी.एन. अन्नादुरई जैसे द्रविड़ आंदोलन के नेताओं की बदनामी करते हैं. हिंदी विरोधी आंदोलन राज्य में 1965 में हुआ था.
प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट आर.के. लक्ष्मण द्वारा तैयार किया गया यह कार्टून कक्षा 12वीं की राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में है, जिसे राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने तैयार किया है.
जयललिता ने एक बयान में कहा है, ‘पुस्तक में प्रकाशित हिंदी विरोधी आंदोलन के सच्चे स्वभाव को प्रदर्शित करने वाले छाया चित्र के विपरीत यह कार्टून तमिलों की भावनाओं को ठेस पहुंचाता है.’
जयललिता ने कहा कि यह कार्टून अन्नादुरई और पेरियार जैसे द्रविड़ आंदोलन के नेताओं की बदनामी करता है.
जयललिता के अनुसार, छाया चित्र द्रविड़ आंदोलन के बारे में विद्यार्थियों को शिक्षित करने के लिए ज्यादा बेहतर हैं. उन्होंने कार्टून के प्रकाशन की निंदा की.