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आपको बहुत बीमार कर सकते हैं जंक फूड

आपके बच्चे निश्चित तौर पर बर्गर, चिप्स और नूडल्स खाते होंगे. आपको भी ये चीजें पसंद होंगी लेकिन ये सारी चीजें आपकी सेहत के लिए ठीक नहीं हैं. इनमें ऐसी चीजें मौजूद हैं जो आपके दिल को और लीवर को बीमार कर सकती हैं. सीएसई यानी सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायर्नमेंट ने ये सनसनीखेज खुलासा किया है.

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जंक फूड
जंक फूड

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आपके बच्चे निश्चित तौर पर बर्गर, चिप्स और नूडल्स खाते होंगे. आपको भी ये चीजें पसंद होंगी लेकिन ये सारी चीजें आपकी सेहत के लिए ठीक नहीं हैं. इनमें ऐसी चीजें मौजूद हैं जो आपके दिल को और लीवर को बीमार कर सकती हैं. सीएसई यानी सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायर्नमेंट ने ये सनसनीखेज खुलासा किया है.

सीएसई के मुताबिस चिप्स, बर्गर, आलू भुजिया और फ्रेंच फ्राई जैसे जंक फूड को लेकर जो अध्ययन किए गए, उसमें बेहद चौंकाने वाले खुलासे हुए. खुलासा ये कि बाजार में मौजूद सारी कंपनियों के जंक फूड में ट्रांस फैट की मात्रा जरुरत से ज्यादा है. इतना ही नहीं ट्रांस फैट के अलावा जंक फूड में चीनी और नमक की मात्रा भी जरुरत से ज्यादा है.

सीएसई का दावा है कि जंक फूड को लेकर सारी कंपनियां गलत जानकारी दे रही हैं. कंपनिय़ां अपने रैपर पर जीरो ट्रांसफैट लिखती हैं, जबकि ट्रांस फैट मौजूद होता है.

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सीएसई के दावे के मुताबिक अगर वाकई जंक फूड में मौजूद ट्रांस फैट की मात्रा जरुरत से ज्यादा है तो ये हमारे और आपके लिए अच्छी खबर नहीं है क्योंकि ट्रांस फैट हमारी सेहत के लिए बेहद खतरनाक है.

सीएसई के मुताबिक जंकफूड बनाने वाली तकरीबन सभी खाद्यकंपनियों के दावे झूठे पाए गए. कंपनियां कहती कुछ और हैं और खाद्य पदार्थों में मिला कुछ और होता है. जीरो ट्रांसफैट के दावे तो सरासर झूठे हैं. दूसरी तरफ जंक फूड को लेकर नियम सख्त होने की जगह बेहद ढीले हैं.

सीएसई के अध्यन के मुताबिक बाजार में मौजूद सारी नामी कंपनियों के जंक फूड में ट्रांस फैट और नमक की मात्रा ज्यादा है. लिहाजा ये कई तरह की बीमारियों को दस्तक दे रही हैं.

जंक फूड से सावधान रहना जरुरी है, क्योंकि अगर सीएसई के दावे सही हैं तो इनमें ऐसी चीज मौजूद है जो हम सबको धीरे धीरे बीमार कर रही है और बीमारी भी ऐसी जो सीधे मौत के मुंह में धकेल सकती है. सीएसई के दावे के मुताबिक बाजार में मौजूद सारी नामी गिरामी कंपनियों में मौजूद है जरुरत से ज्यादा ट्रांस फैट.

एक खास तरह का वसा है ट्रांस फैट जो कुदरती रुप से नहीं पाया जाता, बल्कि इसे कृत्रिम रुप से बनाया जाता है. वेजिटेबल ऑयल में हाइड्रोजन मिलाकर जब ठोस किया जाता है तो वो ट्रांस फैट बन जाता है. ट्रांस फैट बनाना सस्ता होता लिहाजा कंपनियां इसका इस्तेमाल धडल्ले से करती हैं. साथ ही इसके इस्तेमाल से उत्पाद को खास स्वाद दिया जा सकता है.

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ट्रांस फैट हमारे शरीर में कोलेस्टोरेल बढ़ाता है जिसकी वजह से कोरोनरी हार्ट डिजिज यानी दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. इतना ही नहीं ट्रांस फैट के ज्यादा इस्तेमाल से हाइपटेंशन जैसी बीमारियां भी होती है. ट्रांस फैट हमारे लीवर पर भी असर डालता है और धीरे धीरे लीवर को बीमार करता जाता है. बात यहीं खत्म नहीं होती ट्रांस फैट नपुंसक भी बना सकता है.

अगर सीएसई के दावों में दम है और वाकई बाजार में बेचे जा रहे जंक फूड में ट्रांस फैट की मात्रा जरुरत से ज्यादा है तो ये हमारे और आपके लिए तो खतरे की घंटी है ही, हमारी नई पीढ़ी के लिए बेहद खतरनाक है.

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