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‘स्कर्ट’ नियम को अनिवार्य बनाने के खिलाफ हैं ज्वाला

विश्व बैडमिंटन महासंघ के महिला खिलाड़ियों के लिए 1 मई से कोर्ट पर स्कर्ट पहनना अनिवार्य करने के नियम से भारतीय खिलाड़ी असहज हैं.

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ज्वाला गुट्टा
ज्वाला गुट्टा

विश्व बैडमिंटन महासंघ के महिला खिलाड़ियों के लिए 1 मई से कोर्ट पर स्कर्ट पहनना अनिवार्य करने के नियम से भारतीय खिलाड़ी असहज हैं.

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बीडब्ल्यूएफ ने 2009 में नया ड्रेस कोड लागू किया था जिसके तहत सभी महिला बैडमिंटन खिलाड़ियों का स्कर्ट पहनना जरूरी है. खिलाड़ी अगर चाहें तो शार्ट पहनना जारी रख सकती हैं लेकिन यह उन्हें स्कर्ट के नीचे पहननी होगी.

खेलने के दौरान स्कर्ट को प्राथमिकता देने वाली भारत की सबसे सफल युगल खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने कहा कि वह खेल में ग्लैमर को बढ़ाने में पक्ष में हैं लेकिन स्कर्ट पहनना अनिवार्य नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे खिलाड़ी की स्वतंत्रता प्रभावित होती है.

ज्वाला ने कहा, ‘मैं हमेशा स्कर्ट में सहज महसूस करती हूं लेकिन खिलाड़ियों को यह पहनने के लिए बाध्य करना सही नहीं है. एक खिलाड़ी अगर स्कर्ट में सहज महसूस करता है तो इसे वह इसे पहन सकता है लेकिन इसे अनिवार्य बनाना कतई सही नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘खिलाड़ी अलग अलग पृष्ठभूमि और देशों से आते हैं, कुछ देश काफी रुढ़िवादी होते हैं और इनकी संस्कृति अलग होती है, इसलिए कुछ खिलाड़ियों को शायद यह विचार पसंद नहीं आये.’

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