पूर्व राष्ट्रपति ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की उस टिप्पणी पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि सोनिया गांधी ने 2004 में प्रधानमंत्री पद के लिए कभी दावेदारी नहीं की.
कांग्रेस का कहना है कि कलाम की टिप्पणी से साबित है कि भाजपा ने प्रधानमंत्री पद के लिए सोनिया गांधी की उम्मीदवारी का विरोध किया था, वहीं भाजपा का कहना है कि सोनिया अभी भी 'प्रधानमंत्री से ऊपर' हैं.
गौरतलब है कि भाजपा ने सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री बनाए जाने का जोरदार विरोध किया था और सुषमा स्वराज ने संकल्प लिया था कि यदि सोनिया प्रधानमंत्री बनीं, तो वे अपना सिर मुड़वा लेंगी.
कलाम के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा ने कहा कि सोनिया आखिरकार 'सुपर प्राइम मिनिस्टर' हैं.
भाजपा प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, 'यह कोई नई बात नहीं है. कलाम 'साब' पहले भी यह बात कह चुके हैं.' उन्होंने कहा, 'लेकिन कलाम का बयान सोनिया गांधी को 'मदर इंडिया' नहीं बनाता है. वह अभी भी सुपर पीएम (प्रधानमंत्री से ऊपर) हैं. उन्हें बिना जवाबदेही के अधिकार मिले हुए हैं.'
दूसरी ओर, कांग्रेस ने यह कहते हुए पलटवार किया कि वह उन सबकी साजिश थी जो, सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में नहीं चाहते थे.
कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने कहा, 'कलाम ने जो कहा, वह सीधे भाजपा की तरफ इशारा है जो नहीं चाहती थी कि सोनिया प्रधानमंत्री बनें. भाजपा के कई नेता उनके खिलाफ राष्ट्रपति के पास गए थे.'
गौरतलब है कि वर्ष 2004 में जब संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सत्ता में आया था, तब कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री के पद को अस्वीकार कर दिया था और इस पद के लिए मनमोहन सिंह का नाम प्रस्तावित किया था.
एक तरफ विरोध और दूसरी ओर पार्टी सदस्यों की मांग के बीच सोनिया गांधी ने घोषणा की थी, 'प्रधानमंत्री का पद हासिल करना मेरा लक्ष्य नहीं रहा है. मैं हमेशा से कहती रही हूं कि यदि मैं स्वयं को इस स्थिति में पाऊंगी, जिस स्थिति में आज हूं, तब मैं अपनी अंतरात्मा की आवाज पर वैसा करूंगी. मैं विनम्रतापूर्वक इस पद को अस्वीकार करती हूं.'