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वनडे को अलविदा कहें सचिनः कपिल देव

पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव का मानना है कि सचिन तेंदुलकर को एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लेना चाहिए.

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सचिन तेंदुलकर और कपिल देव
सचिन तेंदुलकर और कपिल देव

पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव का मानना है कि सचिन तेंदुलकर को एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दो दशक से अधिक समय बिताने के बाद इस चैंपियन बल्लेबाज का बढ़िया समय गुजर चुका है.

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कपिल ने ‘हेडलाइन्स टुडे’ से कहा, ‘पिछले तीन महीनों में हमने जो कुछ देखा, उससे लगता है कि उन्हें विश्व कप के बाद संन्यास लेने की घोषणा कर देनी चाहिए थी. यह जानना बहुत जरूरी होता है कि प्रत्येक क्रिकेटर का अपना समय होता है.’

उन्होंने कहा, ‘उन्होंने 22-23 साल तक भारत की सेवा की और निश्चित तौर पर उनसे महान कोई अन्य खिलाड़ी नहीं है. लेकिन उन्हें विश्व कप के तुरंत बाद एकदिवसीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर देनी चाहिए थी.’

ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के खिलाफ वर्तमान एकदिवसीय श्रृंखला में तेंदुलकर रन बनाने के लिये जूझ रहे हैं. वह पिछले लगभग एक साल से 100वें अंतरराष्ट्रीय शतक का इंतजार कर रहे हैं. कपिल ने कहा कि जो खिलाड़ी अपने भविष्य पर फैसला नहीं कर सकते उन्हें इस बारे में बताया जाना चाहिए.

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उन्होंने तेंदुलकर के बारे में कहा, ‘लगता है कि उनका समय आ गया है. प्रत्येक खिलाड़ी का समय होता है. अब उम्र पहले की तरह उनके साथ नहीं है.’

इस पूर्व कप्तान से जब पूछा गया कि क्या 100वें अंतरराष्ट्रीय शतक की हाइप के कारण तेंदुलकर की फॉर्म प्रभावित हो रही है, उन्होंने कहा, ‘सचिन अपने पूरे करियर के दौरान बहुत दबाव में खेलते रहे और उन्होंने अपेक्षाओं के बावजूद शतक जमाये. वह पहले भी इस तरह की परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करता रहा है.’

भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की आलोचनाओं को सही करार देते हुए कपिल ने कहा कि उनके कुछ फैसले पक्षपातपूर्ण लगते हैं. उन्होंने कहा, ‘यदि आप भारतीय कप्तान हो तो आप पक्षपातपूर्ण रवैया नहीं अपना सकते. मैं तब हैरान रह गया था जब इंग्लैंड दौरे के लिये आरपी सिंह को टेस्ट टीम में चुना गया. किसी को भी यह जानने का हक है कि आलराउंडर रविंदर जडेजा को आस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिस्बेन में गेंदबाजी करने के लिये एक ओवर भी क्यों नहीं दिया गया.’

कपिल ने कहा, ‘धोनी परिपक्व खिलाड़ी है. जब वह किसी खिलाड़ी को ऑलराउंडर के तौर पर चुनता है और उससे गेंदबाजी नहीं करवाता तो मेरी भी व्याकुलता बढ़ती है. यदि कोई इस तरह की गलती करता है तो वह लंबे समय तक नहीं चल सकता. यदि धोनी लगातार ऐसी गलती करता है तो उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.’

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उन्होंने कहा, ‘टीम में कई सीनियर खिलाड़ी हैं और इसका खंडन नहीं किया जा सकता इससे क्षेत्ररक्षण के स्तर में गिरावट आती है क्योंकि वे अब पहले की तरह युवा खिलाड़ी नहीं है. नहीं समझता कि कोई एक खिलाड़ी भारतीय टीम से बड़ा है. यदि वे अच्छा प्रदर्शन करते तो इस तरह के मसले उठते ही नहीं.’

कपिल ने अन्य सीनियर खिलाड़ियों जैसे कि राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण के बारे में कहा, ‘मैं समझता हूं कि द्रविड़ और लक्ष्मण ने अपना आखिरी टेस्ट मैच खेल लिया है. उन्हें सम्मानित तरीके से विदाई देने के लिये एक अंतिम टेस्ट मैच खेलने का मौका दिया जा सकता है लेकिन टीम के हितों का बलिदान करके ऐसा नहीं किया जाना चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं कि राहुल, सचिन तेंदुलकर और लक्ष्मण जैसे खिलाड़ियों ने भी कुछ अन्य क्रिकेटरों की तरह देश की सेवा की. लेकिन वे अब युवा नहीं है और यदि भारतीय क्रिकेट इन ‘बिग थ्री’ से आगे नहीं बढ़ा तो फिर उसे वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलियाई टीम की तरह जूझना पड़ सकता है.'

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