प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को डिनर पार्टी तो बुलाई थी अपने सहयोगियों का साथ पाने और साथ दिखाने के लिए लेकिन न तो कोई बड़ा सहयोगी नेता आया और न ही भारी भरकम जमावड़ा दिखा. ममता बनर्जी, अजीत सिंह और शरद पवार डिनर पार्टी में नहीं आए तो इसी पार्टी में प्रणब दा ने सहयोगियों को सजग कर दिया कि अगर धन्यवाद प्रस्ताव में संशोधन पर दबाव डाला गया तो सरकार जा भी सकती है.
प्रधानमंत्री के आवास 7 आरसीआर पर शाम को करीब साढ़े 7 बजे शुरु हुए डिनर पार्टी में कांग्रेस के बड़े चेहरे तो दिखे लेकिन सरकार की सहयोगी पार्टी के दिग्गज नेता पीएम की डिनर पार्टी से गायब रहे. न ममता बनर्जी मौजूद थी, न अजीत सिंह डिनर के लिए आए और न ही एसपी, बीएसपी या फिर आरडेजी के नेता डिनर दिखे.
अमूमन पीएम की डिनर पार्टी संसद के किसी सेशन के अंत में होती है लेकिन इस बार कई राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस की फजीहत, सहयोगी दलों के दबाव की रणनीति और संसद में वोटिंग के खौफ ने सरकार को इसे पहले ही करने पर मजबूर कर दिया.
सूत्रों के मुताबिक इस डिनर का आयोजन पहले सोमवार को होना था लेकिन फिर इसे रद्द करके मंगलवार को किया गया लेकिन फीकी डिनर पार्टी को देखते हुए कहा जा सकता है कि सरकार के लिए ये दिन मंगल भरा नहीं रहा.