सुप्रीम कोर्ट ने ऑनर किलिंग मामले में एक अहम सुनवाई के दौरान कहा कि खाप पंचायतें अवैध हैं. कोर्ट ने यह भी कहा कि डीएम को प्रेमी जोड़े को सुरक्षा प्रदान करने की व्यवस्था करनी होगी.
गौरतलब है कि देश में अक्सर झूठी शान के लिए खाप पंचायतें प्रेमी जोड़ों को सजा सुनाती रहती हैं. कुछ मामलों में तो प्रेमी जोड़ों व उनका साथ देने वाले परिजनों को गांव व बिरादरी से दूर कर दिया जाता है, कई मामलों में उनका कत्ल कर दिया जाता है. ऐसे कत्लों में प्रेमी जोड़ों के परिजन भी शामिल होते हैं.
हाल ही में यूपी के बागपत जिले में खाप पंचायतों की दबंगई प्रशासन पर भारी पड़ती दिखाई दी थी. गुरुवार 12 जुलाई 2012 की शाम पुलिस ने ख़ाप के दो लोगों को गिरफ्तार किया तो ग्रामीणों ने दिल्ली-सहारनपुर रोड जाम कर दिया और गाड़ियों पर पथराव करने लगे.
गांववालों के पथराव में कई यात्रियों के साथ-साथ पुलिस का एक जवान भी घायल हो गया. गांववालों के दबाव के आगे घुटने टेकते हुए पुलिस ने गिरफ्तार किए गए दोनों लोगों को रिहा कर दिया.
दो दिन पहले 26 बिरादरियों की पंचायत ने महिलाओं के खिलाफ तालिबानी फरमान सुनाया था. दिल्ली से महज 50 किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित बागपत में मुस्लिमों की छत्तीस बिरादरियों के तथाकथित अलम्बरदारों ने फरमान जारी कर दिया कि उनके गांव की चालीस साल तक की कोई भी महिला बाजार नहीं जा पाएगी. महिलाएं गांव में घूम तो पाएंगी लेकिन इसके लिए भी उनके सिर पर पल्लू होना जरूरी है.
तालिबानी फरमान में महिलाओं के मोबाइल फोन और ईयर फोन के इस्तेमाल पर सख्त पाबंदी लगाई गई. पंचायत ने अपने तालिबानी फरमान को आगे बढ़ाते हुए प्रेम विवाह पर रोक लगाते हुए कहा कि पहले तो गांव में कोई भी प्रेम विवाह नहीं कर सकता. अगर कर लिया तो उसे गांव से निकाल दिया जाएगा, वह प्रेमी जोड़ा गांव में नहीं रह पाएगा जो अपनी पसंद से शादी करेगा. इन फरमानों को उल्लंघन करने पर पंचायत ने सजा की भी धमकी दे डाली.
पंचायत के खौफ में महिलाएं इस फरमान को अपनी सुरक्षा की बात कहकर मानने की हामी भर रही हैं. बड़ी बात तो ये है कि दिल्ली के पास ही स्थित बागपत नागरिक उड्डयन मंत्री अजीत सिंह का संसदीय क्षेत्र भी है.