भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि कमजोर मानसून, फसलों के अधिक समर्थन मूल्य तथा रुपये में कमजोरी के कारण निकट भविष्य में और अधिक मुद्रास्फीतिक दबाव रहेगा.
केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति की पहली त्रैमासिक समीक्षा से पहले जारी रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया है.
इसमें कहा गया है कि उंची ईंधन कीमतों तथा खाद्य दामों के चलते मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में मुख्य मुद्रास्फीति सात प्रतिशत से उंची बनी रही है.
इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने कहा है कि वैश्विक वित्तीय हालात के और खराब होने के बीच घरेलू शेयर बाजार तथा रपया आने वाले दिनों में दबाव में रहेगा.