अल्पसंख्यकों के लिए नौकरियों में आरक्षण का वायदा संबंधी टिप्पणी का पुरजोर बचाव करते हुए विधि मंत्री सलमान खुर्शीद ने चुनाव आयोग को बताया कि उन्होंने केवल अपने इरादे को व्यक्त किया है, यह कोई नीतिगत घोषणा नहीं है.
विधि मंत्री की ओर से आयोग के समक्ष उपस्थित होते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि खुर्शीद ने किसी विशेष अल्पसंख्यक समुदाय का उल्लेख नहीं किया और केवल पूर्व में घोषित सरकारी नीति को रखा है.
आयोग के समक्ष करीब एक घंटे तक चली सुनवाई के बाद सिंघवी ने कहा, ‘हमने इस संबंध में कई ठोस कारण बताये.’
चुनाव आयोग ने खुर्शीद को उनके बयान के पर नोटिस जारी की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में सत्ता में आई तब ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण कोटे में अल्पसंख्यकों को नौ प्रतिशत आरक्षण दिया जायेगा.
सिंघवी ने कहा, ‘संबंधित व्यक्ति केंद्रीय मंत्री की हैसियत से नहीं बोल रहे थे. वह एक कांग्रेस कार्यकर्ता की हैसियत से बोल रहे थे.’ उन्होंने कहा कि इस प्रकार का उल्लेख 2002 और 2007 के कांग्रेस के उत्तर प्रदेश चुनाव घोषणापत्र में किया जा चुका है.
उन्होंने कहा कि खुर्शीद ने किसी विशेष समुदाय का उल्लेख नहीं किया था, बल्कि अल्पसंख्यक शब्द का प्रयोग किया था. यह भारत सरकार की घोषित नीति का उल्लेख भी था जो आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले की है.