लगता है कांग्रेस को अपने नेताओं के बयानों से कन्नी काटने की आदत सी हो गई है. तभी तो पहले वो दिग्विजय के बयानों को उनका निजी विचार बताती रहती थी तो अब सलमान खुर्शीद के बयान को भी उनका निजी विचार बता रही है. मामला उत्तर प्रदेश में ओबीसी कोटे में मुसलमानों को आरक्षण देने का है.
खुर्शीद ने एक चुनावी सभा में कहा था कि अगर राज्य में कांग्रेस की सरकार बनती है तो मुसलमानों को ओबीसी कोटे से 9 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा. इस पर कांग्रेस के नेता राशिद अल्वी ने कहा है कि यह खुर्शीद का व्यक्तिगत विचार है.
गौरतलब है कि कानून मंत्री ने फरूखाबाद में अपनी पत्नी लुईस खुर्शीद के लिए प्रचार करते हुए मतदाताओं से वादा किया था कि चुनाव में अगर उनकी पार्टी राज्य में सत्ता में आती है तो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के मौजूदा 27 फीसदी कोटे में से पिछड़े मुसलमानों के लिए कोटा को बढ़ा कर 9 प्रतिशत किया जायेगा. चुनाव आयोग ने इसका संज्ञान लेते हुए खुर्शीद की पत्नी को नोटिस भी जारी किया था जिसपर खुर्शीद की प्रतिक्रिया थी कि ‘नोटिस मिली है, फांसी का आदेश नहीं’.
भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने सांसद मुख्तार अब्बास नकवी के नेतृत्व में मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी से मुलाकात कर खुर्शीद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.
चुनाव आयोग ने पहले ही सरकार को आदेश दिया है कि उन पांच राज्यों में अल्पसंख्यकों के लिए ओबोसी कोटे से 4.5 फीसदी आरक्षण दिए जाने के फैसले पर रोक लगाए, जहां विधानसभा चुनाव हो रहे हैं.