चेक गणराज्य की आठवीं वरीय पेत्रा क्वितोवा ने शनिवार को विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट के महिला एकल फाइनल में प्रबल दावेदार मारिया शारापोवा पर उलटफेर भरी जीत दर्ज करते हुए अपना पहला ग्रैंडस्लैम खिताब हासिल किया.
इस 21 वर्षीय ने रूसी सुंदरी शारापोवा को सीधे सेटों में आसानी से 6-3, 6-4 से परास्त किया. वह विंबलडन में जीत दर्ज करने वाली चेक गणराज्य की तीसरी महिला खिलाड़ी हैं. इससे पहले नौ बार की चैंपियन मार्टिना नवरातिलोवा और जाना नोवोत्ना ने यहां जीत दर्ज की थी, दोनों सेंटर कोर्ट रायल बाक्स में मौजूद थीं.
क्वितोवा इससे पहले कभी भी ग्रैंडस्लैम के फाइनल में नहीं पहुंची थी. उन्होंने दूसरे सेट के 10वें गेम में मैच का पहला ऐस लगाते हुए खिताब अपने नाम कर लिय. क्वितोवा ने मैच के बाद कहा, ‘मेरे पास खुशी बयां करने के लिये शब्द नहीं हैं क्योंकि रायल बाक्स में महान खिलाड़ी बैठकर मैच देख रहे थे.’ उन्होंने कहा, ‘यह देखकर अच्छा लग रहा था कि वे मुझे देख रहे थे और मेरा उत्साह बढ़ा रहे थे. यह अदभुत था.’
रूस की पांचवीं वरीय और 2004 चैंपियन शारापोवा के लिये यह परिणाम काफी निराशाजनक रहा. शारपोवा को चौथा ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने की प्रबल दावेदार माना जा रहा था. शारापोवा ने कहा,‘इस मंच पर वापसी करना और उप विजेता की प्लेट पकड़ना अच्छा है. लेकिन मैं आज खिताब जीतना चाहती थी.’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन मैं एक दिन इसे दोबारा जरूर हासिल करूंगी.’