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नासिकः लैला खान केस में सफलता, मिले नरकंकाल

बॉलीवुड एक्‍ट्रेस लैला खान और उसके परिवार के सदस्यों के शवों की तलाश मुंबई पुलिस ने शुरू कर दी है. मंगलवार को मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम नासिक जिले में स्थित इगतपुरी पहुंची और लैला के बंगले के आसपास के इलाकों में दिन भर सर्च ऑपरेशन चलाया.

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लैला खान
लैला खान

बॉलीवुड एक्‍ट्रेस लैला खान और उसके परिवार के सदस्यों के शवों की तलाश मुंबई पुलिस ने शुरू कर दी है. मंगलवार को मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम नासिक जिले में स्थित इगतपुरी पहुंची और लैला के बंगले के आसपास के इलाकों में दिन भर सर्च ऑपरेशन चलाया. घंटों की तलाश के बाद पुलिस को कुछ हड्डियां और चादरें मिलीं. बताया जा रहा है कि एक कंकाल महिला का पाया गया है. जम्मू से हिरासत में लाए गए, लैला की मां सलीना के पति परवेज टाक को भी पुलिस साथ ले गई थी.

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मुंबई क्राइम ब्रांच के एक दर्जन अधिकारी और मुंबई पुलिस के 150 जवान, डॉग स्क्वॉड और फोरेसिंक टीम सुबह 11 बजे लैला खान के बंगले पर शव तलाशने के लिए पहुंची थी. पुलिस ने फार्म हाउस के आसपास लगभग 10 किलोमीटर के दायरे में कसारा घाट से लेकर इगतपुरी के जंगलों में सर्च ऑपरेशन चलाया. शाम को पुलिस को कुछ हड्डियां और चादरें हाथ लगीं. इनकी असलियत डीएनए टेस्ट के बाद ही सामने आ सकेंगी कि आखिर यह हड्डियां किसकी हैं?

परवेज ने गिरफ्तारी के बाद जम्मू पुलिस को बयान दिया था कि लैला और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या कर फार्म हाउस के पास जंगल में दफना दिया गया है. क्राइम ब्रांच के डीसीपी अंबादास पोटे के अनुसार पुलिस को कुछ अहम सबूत मिले हैं, लेकिन जांच के बाद ही कोई पुख्ता जानकारी दी जा सकेगी. मुंबई क्राइम ब्रांच ने लुक आउट नोटिस भी जारी किया है और देश भर के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर लैला और उसके परिवार के सदस्यों के फोटो भेजे हैं, जिससे अगर वे जिंदा हों तो इसकी जानकारी मिल सके. लैला खान को आखिरी बार 2008 में फिल्म ‘वफा’ में राजेश खन्ना के साथ देखा गया था.

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परवेज ने मुंबई में खुद को जम्मू-कश्मीर से राकांपा का विधायक बताया था. यह खुलासा मुंबई के उपनगर अंधेरी पश्चिम में रहने वाले अब्दुल्ला बाबा ने किया है. बाबा के अनुसार महाराष्ट्र के रत्नागिरी में एक काजी के द्वारा उन्‍होंने दोनों का निकाह मई, 2010 के में कराया था. उनके पास निकाह की तस्वीर भी है.

वह कहते हैं कि परवेज जम्मू-कश्मीर विधानसभा-2008 के चुनाव में किश्तवाड़ जिले के इंदरवाल चुनाव क्षेत्र से राकांपा के टिकट पर लड़ा था, लेकिन हार गया था. लैला और उसके भाई-बहन परवेज को नापसंद करते थे और वह उसे किसी कीमत पर अपनाने को तैयार नहीं थे.

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